कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया - खनन माफियाओं के सामने अब भी हाथ बांधे खड़ी है शिवराज सरकार





खनन माफियाओं के सामने अब भी हाथ बांधे

खड़ी है शिवराज सरकार: भूरिया



मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने आज जारी बयान में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा ऐसा माहौल दिखाया जा रहा है-जैसे प्रदेश में खनन माफियाओं द्वारा अवैध उत्खनन का कारोबार थम गया है और उत्खनन का सारा काम सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं की मंशा के अनुरूप ही हो रहा है, लेकिन जमीनी सच इसके सर्वथा भिन्न है। आज भी प्रदेश में अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। यह काला धंधा कहीं दिन में तो कहीं रात के अंधेरे में बेरोकटोक चल रहा है। आवंटित से अधिक एरिये में उत्खनन करना तो अब आम हो चुका है। इस अवैध कार्य को न तो वन और खनिज विभाग रोक रहा है और न ही जिला प्रशासन। माफिया हर दिन सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं, परंतु मुख्य मंत्री और खनिज मंत्री को इसकी रंचमात्र भी चिंता नहीं है। ऐसा लगता है-भाजपा सरकार खनिज संपदा के मामले में प्रदेष को खोखला कर देने पर आमादा है।

भूरिया ने कहा है कि कुछ खनिज क्षेत्र तो ऐसे सुदूर वन क्षेत्रों में हैं जहां पर कोई शासकीय अधिकारी और कर्मचारी जाने का साहस भी नहीं करता। यदि अपवाद रूप में अपनी पदेन निष्ठा से उत्साहित होकर कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी वहां जाने की हिम्मत दिखाता भी है तो उसको खनन माफियाओं के सषस्त्र पहरेदारों का सामना करना पड़ता है। यदि वह अवैध उत्खनन पर आपत्ति लेने का साहस दिखाता है तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। इस प्रकार की कई घटनाएं पिछले दिनों प्रकाश में आई हैं। दरअसल कई खनिज क्षेत्रों में तो माफियाओं ने अपना समानांतर प्रशासन तंत्र खड़ा कर रखा है। जहां सरकारी तंत्र और माफियाओं की सांठगांठ हो जाती है, वहां तो खनिज संपदा का भगवान ही रखवाला है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्रसिंह के सतना जिले में स्थित आवास के निकट स्थित गंगवरिया में खनन माफिया द्वारा चैबीसों घंटे गिट्टी का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इस क्षेत्र की खदानों में रोजाना सैकड़ों डम्पर गिट्टी खोदी जा रही है। इस अवैध कारोबार के लिए रात-दिन होने वाली ब्लास्टिंग के कारण गंगवरिया के लोग बारूद के ढेर पर जिंदगी जीने के लिए विवष हैं। यहां माफियाओं द्वारा करीब 100 करोड़ की खनिज संपदा ठिकाने लगाई जा चुकी है। जिला प्रशासन की चुप्पी के कारण यह धंधा इन दिनों चैगुनी रफ्तार से चल रहा है। आपने कहा है कि इसी जिले के रामपुर ब्लाक के अंतर्गत राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से क्रेशर संचालक द्वारा सरकारी भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन चल रहा है। ग्रामीणों ने शिकायत भी की है, किंतु राजस्व अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। इस क्षेत्र में अवैध गिट्टी और मुरम के पहाड़ आसानी से देखे जा सकते हैं।

भूरिया ने आगे कहा है कि जिस तरह नर्मदा नदी में रेत निकालने का करोड़ों का अवैध कारोबार सरकार के संरक्षण में चल रहा है-उसी तरह का अवैध धंधा सतना जिले की सतना नदी में भी इन दिनों अंधाधुंध जारी है। जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूरी पर ही दिन-रात खनन माफिया अपना अवैध कारोबार चला रहा है। सतना नदी में अवैध उत्खनन तो अब आम हो चुका है। यहां पर रात-दिन काम चल रहा है। इससे नदी के प्राकृतिक स्वरूप को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। चर्चा है कि खनन माफिया को उच्च स्तर से संरक्षण मिला हुआ है। इस कारण कोई भी अधिकारी अवैध कारोबार के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहा है।



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