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Showing posts from July, 2017

हिन्दुस्तान विचार - राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द

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कोविन्द जी के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर प्रदेश भर में जश्न  सर्वोच्च पद पर दलित के बेटे का निर्वाचन होने से लोकतंत्र की श्रेष्ठता साबित हुई - चैहान                  भोपाल। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी श्री रामनाथ कोविन्द की जीत पर आज प्रदेश भर में कार्यकर्ताओं ने सेवा बस्तियों में आतिशबाजी की और मिठाई बांटकर जश्न मनाया। प्रदेश के सभी जिलों में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में उपस्थित होकर अपने उत्साह का प्रदर्शन किया।                  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चैहान ने सेकंड स्टाॅप स्थित अंबेडकर चैराहा पर डाॅ. अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। श्री नंदकुमारसिंह चैहान ने कहा कि एक दलित परिवार के बेटे का राष्ट्रपति पद के लिए चुना जाना देश के लोकतांत्रिक श्रेष्ठता को साबित करता है। उन्होेने श्री रामनाथ कोविन्द को राष्ट्रपति चुने जाने पर प्रदेश के लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से बधाई दी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बधाई दी है।        

हिन्दुस्तान विचार - अमरनाथ हमले ने दुनिया का माथा शर्म से झुका दिया - नंदकुमार सिंह चौहान

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अमरनाथ तीर्थ यात्रियों पर दहशतगर्द हमले ने दुनिया का माथा शर्म से झुका दिया - नंदकुमार सिंह चौहान                भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत ने भगवान अमरनाथ के पवित्र दर्शन करने के बाद लौट रहे तीर्थ यात्रियों पर आतंकी हमले में काल कवलित हुए तीर्थ यात्रियों की दुखद मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए इस बर्बरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की है। उन्होंने कहा कि इस अमानवीय कृत्य ने इन्सानियत पर धब्बा लगा दिया है। श्री चौहान और श्री भगत ने दिवंगत यात्रियों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी है और घायल तीर्थ यात्रियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।              श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि आतंकवादियों की इस बर्बरतापूर्ण अमानवीय कार्यवाही के पीछे मंशा सरकार को अस्थिर करना और देश की समरसता को आघात पहुंचाना है ,  लेकिन आवाम ने इस वीभत्स घटना की तीव्र निन्दा की है और कहा है कि उनके इरादे कामयाब नहीं होने दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि तीर्थ

HINDUSTAN VICHAR - 'सेवागाथा' ( www.Sewagatha.org ) का किया लोकार्पण

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योजना करके नहीं की जाती सेवा : श्री भैय्याजी जोशी आंकड़ों में गिनने की बात नहीं ,  अनुभूति का विषय है सेवा : श्री भैय्याजी जोशी निष्काम भाव से काम कर रहा है संघ : मुख्यमंत्री संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग की वेबसाइट  ' सेवागाथा '  का किया लोकार्पण श्री सतीश पिम्पलिकार , श्री भैयाजी जोशी , श्री शिवराज सिंह चौहान , श्री अशोक पण्डे  भोपाल , 09  जुलाई।  समाज के अपने बंधुओं की पीड़ा और वेदना को समझने के लिए मन संवेदनशील होना चाहिए। सेवा कोई स्पर्द्धा का विषय नहीं है। किसने अधिक सेवा की यह विचार करना निम्न स्तर की भावना है। सेवा आंकड़ों में गिनने की बात नहीं ,  अपितु अनुभूति का विषय है। सेवा के विषय में हमें यह समझना होगा कि सेवा कभी भी योजना करके नहीं की जाती है। जब हम समाज की वेदना और पीड़ा को समझ लेते हैं ,  सेवा कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग की वेबसाइट  ' सेवागाथा '  के लोकार्पण कार्यक्रम यह विचार सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने व्यक्त

हिन्दुस्तान विचार - जम्मू कश्मीर - डाॅ. मुखर्जी ने प्राणों की आहुति

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जम्मू कश्मीर को भारतीय संविधान के  तहत लाने के लिए  डाॅ. मुखर्जी ने प्राणों की आहुति दी..... लम्हों ने खता की है सदियों ने सजा पायी। आजादी के बाद देश में गठित पहली राष्ट्रीय सरकार के अंतद्र्वंद का ही दुष्परिणाम है कि आज कश्मीर की मनोरमवादियां रक्तरंजित हो रही है। काश राष्ट्रीय सरकार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आव्हान पर शामिल होने वाले उस दूरदर्शी, दार्शनिक राजनेता डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की चेतावनी पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने ध्यान दिया होता किंतु सेकुलरवाद के पुरोधा बनने की चाहत में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और धारा 370 ईजाद करके न केवल भारत को लहुलुहान करने का साजो सामान दीर्घजीवी बना दिया अपितु भारत के अभिन्न अंग जम्मू कश्मीर में अलगाववाद के बीज बो दिए गए। पं. नेहरू से मतभेद उभरने और मंत्रिपद से इस्तीफा देने का वाजिब कारण यही था कि डाॅ. मुखर्जी ने कहा था कि पाकिस्तान से विस्थापित शरणार्थी जितनी भूमि छोड़कर आए है उतनी भूमि पाकिस्तान से ली जाए। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल सहमत थे लेकिन पं. नेहरू ने बात अनसुनी कर दी। डाॅ. मुखर्जी की पहल पर आधा पंजाब ओर आ