युवाओं पर छाया टी.वी. पर आने का क्रेज

आजकल हमारें देश  कें युवाओ पर टी.वी.पर आने का क्रेज सवार होता जा रहा हैं और सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि इस क्रेज के कारण इन युवाओ के अभिवाक काफी पेरशान  हैं। आज के युवा और नयी पीढ़ी के बच्चें बिना खाना खाये तो यह रह सकते हैं पर यह बिना टी.वी.,विडियो गेम,   मोबाइल फोन एंव बिना इंटरनेट के रहने की तो  कल्पना भी नही कर सकतें हैं। आजकल इन बच्चों पर चैनल वी और एम.टी.वी देखने का तो एैसा बुखार चढ़ा हैं कि पूछिये ही मत भईया। दरसल कुछ चैनलो ने अपनी तरफ युवा वर्ग का ध्यान आकर्षित करने के लिए और चैनल की टी.आर.पी बढ़ाने के लिए कुछ खतरनाक टी.वी.शो  का सहारा लिया हैं। इनमें से कुछ खतरनाक टी.वी. शो  हैं स्टंट मेनिया और रोडीस। इन शो में युवाओं को आकर्षित करने के लिए आजकल की युवी पीढ़ी की पहली पसन्द यानि मोटर बाइकस पर युवाओं से स्टंट करवाये जाते हैं। चैनल ने अपने फायदे के लिए    देश का भविष्य कहलाने वाले इन युवा वर्ग के साथ खिवाड़ करना शुरू  कर दिया हैं। चैनल वाले इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि बच्चों अथवा युवाओं का ध्यान आकर्षित करके उन्हें बड़ी ही आसानी से अपनी उजवल भविष्य की राह से भटकाया जा सकता हैं इन चैनलो पर युवा लड़कीयो को भी इस शो में शामिल  किया जाता हैं जिसके कारण हमारें देश भारत में भारतीय संस्कृति का प्रतीक कहलानें वाली नारी एंव लड़कियो को राह से भटकाने का कार्य बड़े ही खूबसूरत तरीके से अंजाम दिया जा रहा हैं। पाठकों आप तो सब जानते हैं कि जो दिखता हैं वही बिकता हैं वाली कहावत का इस्तेमाल यह चैनल वाले अपने फायदे के लिए इस प्रकार कर रही हैं कि उन्होनें भारत की सभ्यता-संस्कृति की परवाह ही नही की। भाईयो अगर आप ने यह शो देखा हैं तो फिर यह मुझे बतानें की जरुरत नही हैं कि इन शो के प्रसारण मे लड़के-लड़कीयो के मुंह से कितने अश्लीलता  भरे शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं। भाईयों इस प्रकार के घटिया और अश्लीलता से भरे शब्दों का प्रयोग तो प्रचीन काल में राक्षसों, दानवों या डार्यनों द्वारा भी नही किया गया जो इन शो पर हमारें भारत का उजवल भविष्य कहलाने वाले यह युवा लड़के-लड़कीयाँ इन शो पर इस्तामाल कर रहें हैं। भाईयो सब कुछ आपकें ही सामने हो रहा हैं इसलिए इस बात को भी नही स्वीकारा जा सकता हैं कि प्रशांसन   आँखे बंद कर चुका हैं क्योंकि भाईयो प्रसारण  पर ऊँगली उठाने से पहले तो सवाल यह उठता हैं कि आप लोगो में से अधिकतर  लोगो   द्वारा   यह शो     देखे   जाते    हैं    इन शो पर    प्रसारित  अश्लीलता को भी देखा जा रहा हैं पर आप में से कितने लोगो ने इस बात पर आपत्ति ली हैं। भाईयो अब तो मैं यह कहने पर मजबूर हूँ कि यह पब्लिक हैं सब जानती हैं बाहर क्या हैं? अन्दर क्या हैं, यह सब कुछ पहचानती हैं वाली कहावत और गाना अब मुझे लगने लगा हैं कि झूठ हैं,   भाईयो एक बड़ा और सफेद झूठ। भाईयो यह भाजपा वाले, यह कांग्रेसी, यह शिवसेना वाले, भारत बचाओ मंच वाले, यह संस्कृति बचाओ मंच वालें,  यह महिला मोर्चे वाले, यह अखिल भारतीय वीशवा  हिन्दु परिषद वाले,   यह युवा कांग्रेस वाले और सबसे महत्वपूर्ण यह हमारें भारत देश  की आम जनता अब क्या घोड़े बेचकर सो रही हैं। भाईयो आप भूल गये क्या वो सन् 2008 का दिन जब कुछ युवाओ ने ही भारत के मुम्बई शहर   के अति प्रसिद्ध होटल ‘‘होटल ताज‘‘ में हमला कर दिया था। भाईयो यह हमला करने वाले युवा ही थे। सन् 2008   के उस अत्मघाती हमले को अब लगभग दो साल हो रहे हैं पर क्या आपने कभी यह सोचा हैं कि हमला करवाने के लिए र्सिफ युवा वर्ग को ही क्यों चुना गया हैं?, भाईयो अब यह भी मुझे आपकों सामझाने की जरुरत नही कि युवा वर्ग को अपनी बातो में तथा आकर्षित करके राह से भटकाने कितना सरल और आसान हैं। हमारें देश के युवा लड़के-लड़कीयाँ अपने माता-पिता की बात कम और न के बराबर ही सुनते हैं और टी.वी.   और इंटरनेट द्वारा ज्ञात हुई बातो पर अधिक ध्यान देते हैं। तो अगर देखा जाये तो आज एक आम परिवार में माता-पिता की बजायें रुपये देकर खरीदे हुए टी.वी. की ज्यादा औकात हो गई हैं। अब समय बदल गया हैं या सोच बदल गई कहकर वक्त प्रशन से भागने का नही हैं बल्कि आज कल के युवाओ मे उत्पन्न हुई इस सोच को सदबुद्धि से सुधारने का हैं। क्योंकि अगर हालात अभी भी नही सुधारे गये तो हालत बद से बदतर हो जायेगी और हम र्सिफ तमाशा  ही देखते रह जायेगें, जय हिन्द, जय भारत। गीत धीर ( हिंदुस्तान विचार )

Comments

  1. अच्छा विचार है , प्रोत्साहन के योग्य| शुभकामनायें !

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  2. badhai.blog jagat men aapka swagat hai.

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  3. bahut acha likha hai..ek dum sateek prahar kiya hai..blogging main aapka swagat hai..

    My blog :
    http://humarihindi.blogspot.com/

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  4. aapke vichar spasht aur prabhavshali hain.lekin isme galtee yuvaon ki utnee nahin hai jitni unse labh uthane vale tathakathit praudhon kee.yuvaon ko mat dosh deejiye,ve to vahi duniya dekh rahe hain jo hamne unke liye kholdee.un logon ko pahchanne ki koshish kijiye jo is sazish me shamil hain.haan, aapne ek jwalant samasya ki or dhyan dilaya hai.

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  5. आपके विचार अच्छे हैं.
    हकनामा पर स्वर्ग नरक लेख पढ़ें.
    http://haqnama.blogspot.com/2010/07/swarg-nark-sharif-khan.html

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  6. सही कहा आपने भाई जी ये विहिप और बजरंग दल की ढिलाई का नतीजा है कि आज समाज और परिवार (माँ-बाप) की कोई इज्जत नहीं है, बस टीवी. ही सर्वेसर्वा है.

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  7. हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.

    मेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.

    यदि कोई सहायता चाहिए तो खुलकर पूछें यहाँ सभी आपकी सहायता के लिए तैयार हैं.

    शुभकामनाएं !


    "हिन्दप्रभा" - ( आओ सीखें ब्लॉग बनाना, सजाना और ब्लॉग से कमाना )

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  8. Excellent.....kahna padega....aap ko....aap agar achha sooch rahe hain...tohhh 10 log bhi vesha ssochne ka pryaas karege....very Good

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