मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया - कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर आखिर प्रदेश कब तक यूं शर्मसार होता रहेगा ?

कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर आखिर प्रदेश कब

तक यूं शर्मसार होता रहेगा ? : भूरिया




मध्यप्रदे
 कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने प्रदे की बदहाल कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता प्रगट करते हुए कहा है कि गैंगरेप, रेप, हत्या और लूटमार आदि गंभीर अपराधों के प्रति राज्य सरकार द्वारा बरती जा रही लापरवाही को देखते हुए ऐसा लग रहा है - भाजपा सरकार ने कानून व्यवस्था को अपनी प्राथमिक जवाबदारियों के एजेण्डे से निकाल फेंका है और वह उसकी तरफ से पूरी तरह बेफिक्र हो गई है। आपने कहा है कि यही कारण है कि जघन्य अपराधों के जारी रहते भी मुख्य मंत्री, गृह मंत्री एवं पुलिस विभाग के भीतर ऐसी चिंता और छटपटाहट दिखाई नहीं दे रही है, जो इस बदहाली से प्रदे को मुक्ति दिलाने के लिए हर संभव प्रशासनिक कदम उठाने के लिए कटिबद्धता का अहसास करा सके। भूरिया ने मुख्य मंत्री एवं गृह मंत्री से पूछा है कि आखिर वे कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर प्रदे को दे में और कितना शर्मसार करेंगे और यह सिलसिला आखिर कब थमेगा ?

भूरिया ने कहा है कि एक भी ऐसा दिन नहीं जाता-जब प्रदे
में कहीं न कहीं रेप और गैंगरेप तथा लूट की घटनाएं न घटित होती हों। ऐसा लगता है - प्रदे में पुलिस का वह ‘‘डर’’ समाप्त हो गया है, जो अपराधी तत्वों को काबू में रखा करता था तथा लोग किसी भी अपराध को अंजाम देने के पूर्व दस बार सोचते थे। अपराधियों के बेखौफ हो जाने का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि पुलिस मुख्यालय के पास ही एक महिला पुलिस अफसर के गले से बदमाशो ने कल सरे आम सोने की चेन और मंगलसूत्र दिन दहाड़े लूट लिया। अगर पुलिस प्रषासन का यह लचरपन कुछ दिन और चला तो लुटेरे पुलिस मुख्यालय के भीतर घुस कर भी ऐसी लूट कर सकते हैं। आपने कहा है कि पिछले बांधवगढ़ में विदेशी महिला के साथ बलात्कार की घटना के बाद दतिया जिले में भी एक स्विस पर्यटक महिला सात व्यक्तियों द्वारा गैंगरेप की शिकार हो गई। कल आगर - मालवा के सरकारी अस्पताल में वार्ड बॉय ने चार वर्षीय बच्ची के साथ दुश्कर्म कर डाला। इंदौर, उज्जैन और भोपाल में भी बलात्कार की कुछ और घटनाएं हुई हैं। शर्मसार करने वाली कुछ ऐसी घटनाएं तो लोकलाज के कारण पुलिस थानों तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं। विदेशी पर्यटक महिलाओं के साथ दुराचार की बढ़ती घटनाओं के कारण  म. प्र. और प्रकारांतर से दे को जहां बदनामी झेलना पड़ रही है, वहीं उनके कारण प्रदे के पर्यटन उद्योग को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है।

मध्यप्रदे
 कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि निर्वाचित सरकार और उसके मुख्य मंत्री तथा मंत्रीगण जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं। जब वे इस जवाबदेही से स्वयं को अलग कर लेते हैं, तो वे अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार स्वतः खो देते हैं। प्रदे की डांवाडोल और निकम्मी कानून - व्यवस्था की नैतिक जवाबदारी स्वीकार करते हुए मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चैहान और गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता को प्रदे को अधिक संकट में डालने की बजाय अपना पद छोड़ देना चाहिए, क्योंकि वे अपनी संवैधानिक जवाबदारियों को निभाने में पूरी तरह असफल साबित हो चुके हैं।






 


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