शिवराज सिंह चैहान - अंधेरा मध्यप्रदेश की धरती से विदा होगा ( HINDUSTAN VICHAR )

अंधेरा मध्यप्रदेश की धरती से विदा होगा, 11 हजार करोड़ रू. की लागत से फीडर सेपरेशन का काम मई तक पूर्ण होगा  -  शिवराज सिंह चैहान

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राजनाथ सिंह ने भोपाल में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सूचना प्रौद्योगिकी में विश्व में सिरमौर बन गया है और देश के वैज्ञानिक दुनिया में नाम कर रहे है, लेकिन भारत का वर्चस्व विशव में कायम हो इसके लिए हमें  देश को दुनिया की कृषि राजधानी बनाना होगा। इसके लिए कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के मर्म को समझा होगा। मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में 18.91 विकास दर अंकित करके देष को चकित कर दिया है। मध्यप्रदेश को मिला कृषि कर्मण अवार्ड मध्यप्रदेश के किसानों के परिश्रम और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की लगन और पहल का परिणाम है कृषि कर्मण अवार्ड किसानों को समर्पित करते हुए शिवराज सिंह चैहान ने किसानों को गौरवान्वित किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान किसानों को अन्नदाता कहकर सम्मानित करते है लेकिन मेरी धारणा है कि किसान भाग्य विधाता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में जिस तरह से कृषि अर्थव्यवस्था को सषक्त बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए है यदि आजादी के बाद इस तरह की मानसिकता आत्मसात की गयी है तो आज देष का नक्षा बदल जाता। भारत दुनिया में सिरमौर होता। भारत को विकसित देशो की नकल करने के बजाए अपने स्वदेषी तेवर अपनाना चाहिए और भारत को भारत ही बनना चाहिए। इसके लिए आवष्यक है कि हम समावेष संतुलित विकास करें जिसका लाभ जन जन को पहंुचे। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में यदि खेती में खुशहाली आती है तो अपने आप उद्योग धंधे और सेवाओं में बेहतरी आयेगी। कांग्रेस में अंधाधुंध विदेशी नकल करके देश को बर्बाद किया है। महंगाई बढ रही है, डीजल मंहगा हो रहा है। राजकोषीय घाटा और चालू खाता घाटा बढ रहा है। विदेषी निवेष से देश सषक्त बनाने की कल्पना बेमानी है। निवेषक आपके देष में सिर्फ मुनाफा कमाने आते है सेवा करने नहीं। उन्होंने कहा कि एफडीआई का आक्रामक ढंग से विरोध होना चाहिए। मुद्रा क्षेत्र में इसकी आवष्यकता नहीं है। एनडीए की सरकार बनने के बाद इसे वापस ले लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देष में मानव संसाधन प्राकृतिक संसाधन अपार है इनका समुचित नियोजन करके 10 वर्षो में देश का नक्षा बदल सकते है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेष के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में जिस तरह से पहल की है उससे जन जीवन में बेहतर बदलाव आया है।
समाज में रागात्मक संबंध बनाकर शिवराज सिंह चैहान जन जन के अपने प्रियजन बन गये है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि सिंचाई को संवर्ति सूची में लिया जाना चाहिए। खेती को मनरेगा से जोडा जाना चाहिए। जिला स्तर पर सीड बैंक बनाया जाए और किसानों को सभी को बैंक एकाउंट में सब्सिडी का भुगतान किया जाए। कृषि ट्रेक्टर और कृषि औजारों पर लगने वाला टैक्स समाप्त किया जाए। खेती को राष्ट्रीय उद्योग घोषित किया जाए। पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत किया।
किसान महापंचायत के अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश  अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेष को मिला कृषि कर्मण अवार्ड मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों और प्रदेश के किसानों के परिश्रम का नतीजा है। इसमें विरोधाभास की बात यह है कि मध्यप्रदेश इस सम्मान को पाकर उन परिस्थितियों में गौरवान्वित हुआ है कि जब मध्यप्रदेश के साथ केन्द्र की यूपीए सरकार ने पग पग पर सौतेला व्यवहार किया। मध्यप्रदेश को मिलने वाली सुविधाओं से राज्य को वंचित किया। किसानों को खरीफ और रबी के लिए मिलने वाली खाद की पूर्ति में केन्द्र सरकार के स्तर पर अडचने डाली गयी। बिजली का कोटा कम कर दिया गया और प्रदेष में किसानों पर पड़े प्राकृतिक संकट के समय राहत देने से इंकार कर दिया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राजनैतिक दृढ़इच्छाषक्ति के साथ इन समस्याओं का समाधान खोजा। खाद का आयात किया गया। किसानों को बिजली की पूर्ति की गयी और जीरो प्रतिषत ब्याज पर फसल कर्ज दिया गया। ओला पाला के लिए राहत देने के लिए सामान्य पुस्तक परिपत्र में संषोधन किया गया। प्रदेष में किसानों की सरकार है। राज्य सरकार ने साबित कर दिया है कि भाजपा की सरकार गांव गरीब और किसान की सरकार है और शिवराज सिंह चैहान के संकल्पित प्रयासों से मध्यप्रदेष का किसान देश में सर्वश्रेष्ठ सम्मान प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कृषि की उन्नति के लिए सपना देखा था बाद में उन्होंने केन्द्र में कृषि मंत्री के रूप में उस सपने को पूरा किया। कृषि के लिए कर्ज में ब्याज दर को घटाने का संकल्प राजनाथ सिंह ने दिया था जिसे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने पूरा कर दिखाया है।
   
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने किसान महापंचायत के अवसर पर कृषि कर्मण अवार्ड प्रदेश के किसानेां को समर्पित करते हुए उनके परिश्रम के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि उनकी आकांक्षा के अनुसार प्रदेश की उदार कृषि नीति पर अमल होगा। प्रदेष में 11 हजार करोड रू. की लागत से सभी 50 जिलों में फीडर सेपरेषन का काम किया जा रहा है, जो मई 2013 तक पूर्ण हो जायेगा और अंधेरा मध्यप्रदेष की धरती से विदा होगा। गांव में 24 घंटे बिजली और कृषि के लिए 8 घंटे बिजली मिलेगी। गांव का आर्थिक ढांचा सुधरे, इसके लिए गांव में छोटे रोजगार उद्योग धंधे लगाने होंगे। जिससे गांव से पलायन की मानसिकता काफूर हो जायेगी। किसान पुत्र और पुत्रियों को उद्योग धंधों के लिए राज्य सरकार 25 लाख रू. तक के कर्ज की बैंको से व्यवस्था करेगी। सरकार गारंटर भी बनेगी और ब्याज भी भरेगी। इसके लिए टेक्नीकल षिक्षा इल्म और हुनर का इंतजार प्रदेश भर में किया जा रहा है। उद्योगों को स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए पाबंद किया जा रहा है।                                               
उन्होंने कहा कि गरीबी और पिछडेपन के कलंक को मध्यप्रदेश से हटायेंगे। अग्रिम खाद की व्यवस्था का किसान भरपूर लाभ उठाए। उनसे ब्याज नहीं लिया जायेगा। गांव में सुविधाएं बढायी जा रही है। उन्हें शहरों से जोडा जा रहा है। किसान भारतीय राजनीति का केन्द्र हो यही हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि खाद के दाम 527 रू. से 1272 रू. करके केन्द्र सरकार ने किसानों का शोषण किया है। यह वृद्धि वापस ली जाना चाहिए। इसके लिए पंचायत में प्रस्ताव भी पारित किया गया। उन्होंने डीजल को बाजार के भरोसे छोेडने के कटु शब्दों में निंदा की और बताया कि फसल बीमा योजना को किसानों के पक्ष में बनाया जाना चाहिए। पंचायत में 20 से 50 प्रतिषत फसल नुकसान को क्षति स्वीकार किए जाने का भी किसानों ने समर्थन किया। उन्होंने 12 वीं पंचवर्षीय योजना को जल योजना घोषित करने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया और कहा कि गेहंू का समर्थन मूल्य 1600 रू. करके किसानों को राहत दी जाना चाहिए। डोडा चूरा को यदि जलाए जाने की अनिवार्यता की जाती है ंतो केन्द्र सरकार को इसकी क्षतिपूर्ति करना चाहिए। इस अवसर पर किसानों द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री ने उदारतापूर्वक चर्चा की और भरोसा दिलाया कि उन पर युक्तियुक्त ढंग से विचार किया जायेगा। रामकृष्ण कुसमरिया ने भी किसानों को संबोधित किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा, सांसद कैलाष जोशी, कैलाश नारायण सारंग, प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर शेजवार, वरिष्ठ मंत्री राघवजी भाई, कैलाश विजयवर्गीय, अजय विश्नोई, करण सिंह वर्मा, लक्ष्मीकांत शर्मा, अनूप मिश्रा, गौरीशंकर बिसेन, गोपाल भार्गव, नानाभाउ मोहोड, जगन्नाथ सिंह, राजेन्द्र शुक्ल, रंजना बघेल, कंुवर विजय शाह, जगदीश दवेडा, नागेन्द्र सिंह, पारस जैन, हरिशंकर खटीक, बृजेन्द्रप्रताप सिंह, प्रदेश महामंत्री लालसिंह आर्य, नंदकुमार सिंह चैहान, विनोद गोटिया, प्रदेश  प्रवक्ता रामेश्वर शर्मा, विश्वास सारंग, दीपक विजयवर्गीय, प्रदेश संवाद प्रमुख  हितेश वाजपेयी, युवा मोर्चा अध्यक्ष अमरदीप मौर्य, राहुल कोठारी, किसान मोर्चा अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, अजजा मोर्चा अध्यक्ष गजेन्द्र पटेल, अलकेश आर्य, शैतान सिंह पाल, रामपाल सिंह, अजयप्रताप सिंह, रामकिशन सिंह चैहान, रूस्तम सिंह, शिव चैबे, सहित पार्टी एवं मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ मंत्री मंचासीन थे।
गेहंू के समर्थन मूल्य पर अतिरिक्त बोनस की सौगात मुख्यमंत्री ने दी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने गेहंू का समर्थन मूल्य 1600 रू. क्विंटल किए जाने की केन्द्र सरकार से पुरजोर मांग की है और कहा है कि कृषक को अपनी फसल का लागत मूल्य और लाभांष सुनिष्चित होना चाहिए। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में 100 रू. क्विंटल बोनस स्वीकृत किया है। आज इसके अतिरिक्त 50 रू. अतिरिक्त बोनस देने का ऐलान किया। इस तरह किसान को केन्द्र की ओर से 1350 रू. और मध्यप्रदेश सरकार की ओर से 150 रू. कुल 1500 रू. क्विंटल का मूल्य सुनिष्चित हो गया है।
किसान मोर्चा ने गेहंू के समर्थन मूल्य के साथ बोनस के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कियामध्यप्रदेश में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बंषीलाल गुर्जर ने किसान महापंचायत के अवसर पर गेहंू के समर्थन मूल्य पर मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा अतिरिक्त 50 रू. बोनस दिए जाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को किसान पुत्र होने के कारण किसान के दर्द का अहसास है। किसान शिवराज सिंह चैहान की क्रांतिकारिता और उदारता के लिए अभिभूत है।














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