नरेन्द्रसिंह तोमर (बीजेपी) - इतिहास की भ्रष्टतम सरकार के चार वर्ष पूरे, यूपीए-2 के घोटालों का कीर्तिमान याद रखेगा हिन्दुस्तान








 

इतिहास की भ्रष्टतम सरकार के चार वर्ष पूरे, यूपीए-2 के घोटालों का कीर्तिमान याद रखेगा हिन्दुस्तान - नरेन्द्रसिंह तोमर

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदे अध्यक्ष, सांसद नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल की नाकामियों के कारण विकास की गाड़ी पटरी से उतर गई है। इन चार वर्षो में यूपीए-2 इतिहास की सबसे भ्रष्टतम सरकार साबित हुई है जिसने घोटालों का कीर्तिमान बनाया है जिसे दे
की जनता सदा याद रखेगी। उन्होनें कहा कि गत् चार वर्षों में मनमोहन सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों में सात मंत्रियों को पद से हाथ धोना पड़ा। इसकी शुरूआत कॉम्मनवेल्थ गेम्स में हुए घोटाले से हुई, जब खेल मंत्री एमएस गिल को जाना पड़ा और सुरे कलमाड़ी को तो जेल की हवा खानी पड़ी, मजे की बात यह कि कॉम्मनवेल्थ गेम्स तैयारियों की समीक्षा पीएम सचिवालय में होती थी। आईपीएल विवाद में शशि थरूर तथा वीरभ्रद सिंह को इस्पात घोटालें में अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी, कोल ब्लाक आवंटन की आंच तो पीएमओ तक पहुंची, सुबोध कांत सहाय को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। नवीन जिंदल व विजय दर्डा पर आंच आई, संतोष बागडोरिया और दसारी नारायण राव से भी पूछताछ हुई। 2-जी स्पेक्ट्रम घोटालें में ए.राजा की कहानी सबको पता है और अश्विनी कुमार एवं पवन कुमार बंसल को भी गंभीर आरोपों में पद छोड़ना पड़ा। यूपीए-2 के चार वर्ष पूरे होने पर सोनिया और मनमोहन सिंह के पास उपलब्धि के नाम पर अरबों रूपये के घोटाले और भ्रष्टाचार है, रही-सही कसर क्रिकेट गेट घोटाले ने पूरी कर दी है। सोनिया गांधी एवं मनमोहन सिंह को चाहिए कि वह घोटालों और भ्रष्टाचार का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पे करें। भारत निर्माण सीरीज के एड केम्पेन में तिरंगा के केसरिया रंग की शुचिता को भी यूपीए सरकार बरकरार नहीं रख पायी।
 
नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि पिछले चार वर्षो के दौरान मंहगाई, भ्रष्टाचार व घोटालों ने मनमोहन सरकार को पूरी तरह से कठघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेसनीत यूपीए सरकार आधारभूत सरंचना के क्षेत्र में भी निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाई। प्रतिदिन 20 किमी सड़क बनाने का दावा गलत साबित हुआ। वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से 2006-07 में भारत का विश्व में 42वां स्थान था जो 2012-13 में गिरकर 56वां पर आ गया। आधारभूत संरचना की दृष्टि से हम 62वें स्थान से 84वें स्थान पर एवं बिजली के लिहाज से 110वें स्थान से गिरकर 144वें स्थान पर आ गये है। केन्द्र सरकार के काले कारनामों से समूचे विश्व में भारत की साख गिरी है।
 
नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि 2004 में जब प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार के समय 8 प्रतित विकास दर थी। सड़के हर रोज 15 से 18 किलोमीटर बन रही थी। लोग रान-कार्ड को भूल गये थे, क्योंकि मंहगाई स्थिर थी। दुनियाभर में भारत के आर्थिक विकास और उसकी संभावनाओं की चर्चा थी। यह विरासत वाजपेयी सरकार ने मनमोहन सरकार को सौंपी थी, लेकिन मनमोहन सरकार में इन 9 वर्षो में दे की हालत लगातार खराब होती गई, आज हिन्दुस्तानी भी हिन्दुस्तान में निवे नहीं कर रहा, विदेशी व्यापार की हालत खस्ता है। औद्योगिक विकास की स्थिति भी चिंताजनक है। कृषि विकासदर में गिरावट आई है। राष्ट्रीय विकास दर प्रदेशो के विकास दर के भरोसे टिक गयी है। ढ़ांचागत विकास सुस्त पड़ा है, 68 प्रतित बिजली जिस कोयले से बनती है, उसमें भी घोटाला हो गया है।
 
उन्होनें कहा कि पिछले 9 सालों में भारत की विदेशी नीति पर गंभीर सवाल उठे है। चीन के साथ हमारे संबंध तनावपूर्ण है, वह 19 किलोमीटर हमारी सीमा में घुस आया है और केन्द्र सरकार इसे स्थानीय मामला मानकर दे की सार्वभौम सत्ता, अखंडता का अपमान कर रही है। पड़ोसी दे बांग्लादे और श्रीलंका के साथ संबंधों को लेकर अनिश्चितता है। पाकिस्तान ने भी अभी तक आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। यूपीए सरकार की विदेशी नीति के कारण विश्व बिरादरी में भारत की हैसियत गिरी है। इन्हीं सब बातों के चलते भारत के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है।








 

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