पीए संगमा की उम्मीदवारी से राष्ट्र में आदिवासी सम्मान की भावना प्रबल हुई: सुषमा स्वराज

 
पीए संगमा की उम्मीदवारी से राष्ट्र में आदिवासी सम्मान की भावना प्रबल हुई: सुषमा स्वराज

हिन्दुस्तान  विचार 

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पीए संगमा देश  के सर्वाधिक लोकप्रिय लोकसभा अध्यक्ष रहे है। उनकी विद्ववता और मिलनसारिता ने उन्हें लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाया है। राष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी ने आदिवासी सम्मान की भावना को नया उभार दिया है और राष्ट्रपति चुनाव में किसी बड़े चमत्कार से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होनें संगमा की जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस और यूपीए सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव में अनैतिकता का घालमेल किया है। इस फर्जीवाड़े का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पडे़गा। वे इंडियन स्टेट स्टीकल सोसायटी कलकत्ता के चेयनमेनशिप  के संबंध में बता रही थी, जिसके अध्यक्ष प्रणब  मुखर्जी थे। यह पद लाभ का पद रहा है। नामांकन भरने के समय जो तर्क दिये गये वे भी प्रणब  मुखर्जी के पक्ष में नहीं जाते। फिर भी उनके इस्तीफे को लेकर जो फर्जी कार्यवाही की गई है उसका कांग्रेस कोई जबाव नहीं दे पा रही है। इस्तीफा दिये जाने और मंजूर किये जाने में कंही भी डायरी का क्रमांक अंकित नहीं है, जिससे तमाम संदेह पैदा होता है। इससे साबित होता है कि इस्तीफा अनैतिक रूप से गढ़ा गया है। राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी से इस तरह के अनैतिक कृत्य की आशा नहीं की जा सकती है।
सुषमा स्वराज ने इस बात का खुलासा किया कि निर्विरोध और आम सहमति से चुनाव न होने का कारण
कांग्रेस और यूपीए का अहंकार रहा है। वैसे चुनाव में विरोध होना कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस यदि सहमति बनाती तो उसे पहले विपक्षी दल से प्रस्ताव करना चाहिए था, घोषणा बाद में की जाती। लेकिन ठीक इससे उल्टा किया और विपक्ष को मानो आत्मसमर्पण का पैगाम दिया गया हो। इसे एनडीए कतई बर्दाष्त नहीं कर सकती थी और हमने निर्दलीय प्रत्याषी की घोषणा कर दी। सुषमा स्वराज ने कहा कि यूपीए सरकार सबसे असफल सरकार रही है। सरकार के वित्त मंत्री के रूप में प्रणब  मुखर्जी ने आम जनता को मंहगाई का देश दिया है। उन्हें राष्ट्रपति के रूप कें कतई बर्दाशत नहीं किया जा सकता है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए पीए संगमा ने भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश की सरकार और जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होनें कहा कि उन्होनें प्रणब  मुखर्जी को देश के सामने ज्वलंत मुददों पर बहस की दावत दी थी, लेकिन उन्होनें इसे उचित नहीं बताया। उन्होनें कहा कि राष्ट्रपति देश की सार्वभौम सत्ता, राष्ट्रीय अखंडता और संवैधानिक शासन का संरक्षक है। देश की परिस्थितियों के बारें में उसकी राय होती है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। उन्होनें कहा कि राष्ट्रपति चुनाव दलीय आधार पर नहीं पार्टी के पूर्वाग्रह से मुक्त होकर मतदाता मत दे सकेंगे। योग्यता के आधार पर अंर्तआत्मा से समर्थन देकर उन्हें विजयश्री दिलाई जायेगी। उन्होनें कहा कि हर आस्तिक व्यक्ति ईश्वर मे आस्था रखता है और ईश्वर ही चमत्कार करते है। आत्मा की आवाज पर वोट मांगा जा रहा है। एक प्रशन के उत्तर में संगमा ने कहा कि प्रणब  मुखर्जी की ओर से जो मिथ्या तथ्य फर्जीवाड़ा पेश किया गया है उसकी जांच की जा रही है। उन्होनें इसके लिए कानून विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की है। जिसमें जेठमलानी, सुब्रम्हण्यम स्वामी जैसे दिग्गज नेता शामिल है।
पत्रकारों से चर्चा के अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी अनंत कुमार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, राष्ट्रीय महामंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेष अध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविन्द नेताम, मुख्य प्रदेश प्रवक्ता विजेश लूनावत एवं प्रदेश संवाद प्रमुख हितेश वाजपेयी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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