अजय धीर - मध्यप्रदेश में मंत्री मण्डल का विस्तार या विस्पोर्ट ?

मध्यप्रदेश में मंत्री मण्डल का विस्तार या विस्पोर्ट ?

आज मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगभग ढाई साल बाद एक भर फिर से मंत्रिमण्डल का विस्तार किया है। इस विस्तार के साथ साथ आज दिन भर भोपाल में राजनीती का माहोल काफी गर्माया नज़र आया। सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार हिन्दुस्तान विचार को पता लगा की एक तरफ तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदू भैया, जब मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर जो पूर्व में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे चुके है से मिलने गए और उनसे इस्तीफा देने का निवेदन किया तो बाबूलाल गौर ने अपने तेवर दिखा दिए और नंदू भैया के विनर्म आग्रह करने पर भी यही कहा की मैं इस्तीफा नहीं दूंगा मुझे हटाना है तो मुझे पार्टी से बर्खास्त करदो  यह बात यही खत्म नहीं हुई बाबूलाल गौर ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक और संघ से लेकर संगठनो तक सबसे संपर्क किया मगर उनकी दाल नहीं गल पाई और पार्टी के फैसले मानते हुए उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ा। कुछ ऐसा ही नज़ारा था मध्यप्रदेश के  पी.डब्लू.डी  मंत्री सरताज सिंह के साथ भी देखने को मिला यहाँ भी मंत्रीजी कुर्सी से हटने को तैयार नहीं थे और मंत्रीजी कहने लगे मुझे क्यों हटाया जा रहा है तो उन्हें भी वही जवाब मिला की देशहित के नए लोगो को मंत्री बनने का मौका मिलना चाहिए तो मंत्री जी ने अपना तर्क रखते हुए कहा की मेरे द्वारा किये गए कामो का परफॉरमेंस मूल्यांकन देख लीजिए पर इन्हे भी गौर साहब की तरह घर बैठा दिया गया।  कल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिल्ली गया थे और काफी नामो में से कुछ चुनिंदा नाम फाइनल कर के शाम को वापस भोपाल आ गये थे पर सूत्रों की माने तो भोपाल राजभवन में ५ बजे शपत समारो प्राम्भ होने से 5 मिनट पूर्व तक नाम लिस्ट में जुड़ते और बदलते रहे।  आज जिन मंत्रियो ने शपत ली है उनके नाम कुछ इस प्रकार है - रुस्तम सिंह , अर्चना चिटनीस , ओमप्रकाश धुर्वे , जयभान सिंह पवैया , विश्वास सारंग , सूर्यप्रकाश मीणा , संजय पाठक , हर्ष सिंह , ललिता  यादव। सूत्रों के मने तो इस बार के शिवराज मंत्री मण्डल विस्तार में कई बात गोर करने वाली है जैसे पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह का अपने समधि हर्ष सिंह के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल करना। सोचने वाली बात यह है की इस बार मंत्री मण्डल विस्तार से जहाँ एक तरफ कुछ विधयक खुश है वही दूसरी ओर मंत्री पद ना मिलने से काफी विधायक नाराज़ भी देखिये दिए। शपत ग्रहण करने वाले मंत्रियो में से सब नाम मुख्यमंत्री के करीबी मने जा रहे है और मुख्यमंत्री की हाँ में हाँ मिलाने वाले दिखाई दे रहे है इस बात से भाजपा को 2018 के चुनाव में सहायता मिलेगी परन्तु उनका नामो का क्या जो आज मंत्री ना बन पाने से नाराज़ हो गए है क्या इस बात का खामियाजा शिवराज सरकार को भुगतना पड़ेगा या नहीं आज का विस्तार कल विस्पोर्ट होगा या नहीं यह एक बड़ा सवाल है ?
लेखक - अजय  धीर , शयमला हिल्स रोड, भोपाल। 

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