क्यों चितिंत हैं मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी ?

 
मध्यप्रदेश के वरिष्ट आईएएस अधिकारी अरविन्द जोशी जो आयकर छापो के दौरान मिली अपार सम्पति के कारण निलंबित हैं वे अपनी कमाई का निवेष मुख्यत मध्यप्रदेश में ही किया करते थें, इसलिए वे मध्यप्रदेश  के लोगो की निगाह मे आ गये लेकिन विष्वस्त सूत्रों के अनुसार कुछ अन्य अधिकारी भी हैं जो मध्यप्रदेश  कैडर के ही हैं लेकिन वे अन्य राज्यों के मूलतः निवासी हैं इन अधिकारियो का काला धन कहाँ निवेष हो रहा हैं। यह मध्यप्रदेश  के लोगो को पता नही हैं और न ही मीडिया एंव राजनेताओं को इस संबध में अधिक जानकारी हैं इसलिए ये अधिकारी कथित ईमानदार श्रेणी के अधिकारियों में गिने जाते रहें हैं। अभी हाल ही में इन्दौर तथा भोपाल से प्रकाशित एक सांध्य दैनिक के अनुसार एक अन्य वरिष्ट आईएएस अधिकारी एस.आर.मोहंती ने अपनी पत्नी नन्दिनी के नाम से शेयर बजार मे 13 करोड़ रुपयों का निवेष किया हैं हालांकि एस.आर.मोहंती ने उक्त खबर का खंडन करते हुए इसें विरोधियो की चाल बताया हैं,  उक्त समाचार पत्र ने आयकर विभाग के सूत्रो का हवाला देते हुए प्रकाशित किया हैं कि नन्दिनी मोहन्ती ने फयूचर औप्षन के तहत 13 करोड़ रुपयो का निवेष किया हैं, जिसके संबध में आयकर विभाग ने सेबी से प्रदेश के अन्य नौकरशाहों की शेयर ट्रेडिंग संबधी जानकारी माँगी थी और आयकर विभाग को सेबी ने यह भी जानकारी दी हैं कि प्रदेश के कुछ और आईएएस अधिकारियों ने भी शेयर में धन निवेष किया हैं। समाचार पत्र कें अनुसार एस.आर.मोहंती के विरुद्ध एम.पी.एस.आई.डी.सी. की 700 करोड़ रुपयो की आर्थिक अनियमित्ता के मामले की जाँच भी चल रही हैं, जिसका फैसला अभी इसी माह आने की संभावना हैं। तो अगर खबरों और सूत्रों पर विश्वास किया जायें तो मध्यप्रदेश   कैडर कें कुछ भष्ट्र अधिकारियो का पैसा पर्यटन स्थलो जैसे शिमला, मसूरी, नैनीताल आदि स्थानों की सम्पति खरीदने में निवेषित हैं कुछ अधिकारियों का निवेष नौएडा, दिल्ली, गुड़गाँव व मुंबई आदि स्थानों पर हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें एक वरिष्ट आईएएस अधिकारी एैसे भी हैं जिन्होनें मनाली में अपनी काली कमाई को निवेष किया हैं इन्होनें वहां अपनी पत्नी और अपनी पत्नी की बहन के नाम से जो जमीन खरीदी हैं उसकी वर्तमान कीमत करोड़ो रुपयो में हैं ऐसी चर्चा हैं कि उनकी जमीन पर उनकें पड़ौसी ही कब्जा करनें की फिराक में हैं, सीमांकन के कारण यह विवाद शरू हुआ हैं और उक्त पड़ौसी एक बड़ा राजनैतिक प्रभाव वाला व्यक्ति बताया जाता हैं। अब अधिकारी महोदय को डर हैं कि यह जो स्थिति बन रही हैं उससे कैसे निपटे और यह मामला कैसे ठंडा हो अगर यह मामला ठंडा नही हुआ तो आयकर विभाग अपना करिश्मा दिखा सकता हैं। मध्यप्रदेश मे ही पदस्थ अधिकारियों के निवेष की जानकारी मध्यप्रदेश  में ही निवेषित होनें पर तो जानकारी असानी से आयकर विभाग तक पहुँच जाती हैं लेकिन उन अधिकारियों के लिए जिनका निवेष मध्यप्रदेश  के बाहर हैं की जानकारी मुश्किल से ही विभाग को पहुँच पाती हैं, इसलिए वे अधिकारी बचें रहते हैं जो मध्यप्रदेश  में पदस्थ होते हुए अपना काला धन अन्य राज्यों मे निवेष करते हैं। लेकिन आजकल आयकर विभाग जिस प्रकार से इन अधिकारीयों के खिलाफ जानकारी जुटा रहा हैं उससे ये अधिकारी चिंतित हैं।  अजय धीर स्वतंत्र पत्रकार

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