मॉनसून सत्र 2016 का आखरी दिन

मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

29/07/2016


भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का वर्षाकालीन सत्र शु्क्रवार 29 जुलाई 2016 को समाप्त हो गया। सत्र समाप्ति के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही दो मर्तबा दस दस मिनिट के लिए स्पीकर को स्थगित करनी पढ़ी। सदन की कार्यवाही आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांतिपूर्ण ढ़ंग से संपन्न नहीं हो सकी। यद्यपि मध्यप्रदेश विधानसभा का वर्षाकालीन सत्र अपनी निर्धारित तिथि को ही समाप्त हुआ। लेकिन निर्धारित समय से पहले जरूर समाप्त हुआ। विधानसभा जैसे ही शु्क्रवार 29 जुलाई 2016 को पूर्वाह्न 11.04 बजे समवेत हुई स्पीकर डॉ. सीतासरन शर्मा ने श्रीमति उषा चौधरी सदस्य ने राजस्व मंत्री से पूरक प्रश्न करने को कहा, जिसका राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने समाधानकारक उत्तर दिया। इसके बाद बारी बारी से स्पीकर ने सदस्यों से अपने अपने पूरक प्रश्न प्रश्नकाल में पुछने के लिये कहा।

आज सदन में 16 प्रश्न हुए इसके बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा की और नियम 267 क के अधीन लंबित सूचनाओं में से सूचनाएं नियम 267 क 2 को शिथिल कर सदन में पढ़ी हुई मानी जाने की बात कही। इन सभी सूचनाओं को उत्तर भेजने के लिए संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। सदन ने स्पीकर के इस निर्णय पर सहमति प्रकट की।

इसके बाद कांग्रेस के सदस्य रामनिवास रावत ने हाल ही में सम्पन्न हुए कुंभ का मामला उठाया। जिस पर काफी देर तक व्यावधान और शोरशराबा होता रहा। स्पीकर ने शोरगुल ओर हंगामा देख सदन की कार्यवाही दस मिनिट के लिए स्थगित की। सदन पुन: समवेत हुई। कांग्रेस सदस्य मुकेश नायक ने पुन: सिंहस्थ का मामला उठाया। इस पर स्पीकर ने कहा कि शून्यकाल में कोई चर्चा नहीं होती है। सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच शून्यकाल के दौरान वाद विवाद होता रहा। इसी बीच शून्यकाल समाप्त हो गया। मध्यप्रदेश विधानसभा कांग्रेस विधायक दल के कार्यवाहक नेताप्रतिपक्ष बाला बच्चन ने स्पीकर की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि सिंहस्थ के संबंध में यदि कोई सदस्य आवाज उठाता है तो शून्यकाल में भी बोलने नहीं दे रहे हैं हम इसकी भ्रर्सना करते हैं, निंदा करते हैं। शोरशराबा और नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के कुछ सदस्य गर्भगृह में पहुंच गये और जोर जोर से अपनी बात कहने लगे। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया।

सदन में शोरगुल और हंगामा के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ओमप्रकाश ध्रुर्वे, उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य, पर्यटन राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटवा ने अपने अपने विभागों से संबंधित पत्रों को पटल पर रखा। अध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण की कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिश की। इसी बीच सदस्य श्री बाला बच्चन खड़े हुए और कहने लगे अध्यक्ष जी आप अपनी बात से मुकर रहे है। सिंहस्थ पर चर्चा से बचना चाहते हैं। अध्यक्ष विधानसभा डॉ. सीतासरन शर्मा ने शोरगुल और व्यावधान देख सदन की कार्यवाही दस मिनिट के लिए स्थगित की।

1.25 बजे विधानसभा पुन: समवेत हुई। कांग्रेस सदस्य मुकेश नायक और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच में थोड़ा संवाद हुआ। इसके बाद स्पीकर ने स्वल्पाहार की घोषणा की। सदन में आज भोजनावकाश नहीं हुआ। कांग्रेस के सदस्यों ने एक बार फिर सिंहस्थ से संबंधित स्थगत प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। कांग्रेस सदस्यों की मांग नहीं मानी गई और वे इस विषय को लेकर गर्भगृह में पहुंच गये, काफी देर तक गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे। अध्यक्ष ने इसके बाद ध्यानाकर्षण के तहत कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिश की। बाला बच्चन ने पुन: सिंहस्थ की बात उठाई। इस बीच सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच जमकर वाद विवाद होता रहा।

अध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण के दौरान सदन को बताया कि आज की कार्यसूची में 34 ध्यानाकर्षण सूचनाओं को उनके विषय की गंभीरता और महत्व को देखते हुए सम्मिलित किया गया है। विधानसभा की नियमावली को शिथिल करके यह प्रक्रिया निर्धारित की गई है कि इनमें से छह ध्यानाकर्षणों को संबंधित सदस्यों द्वारा सदन में पढ़ी जाने के बाद संबंधित मंत्री द्वारा वक्तव्य दिया जाएगा तथा उनके संबंध में सदस्यों द्वारा प्रश्न पूछे जायेंगे उसके बाद की अन्य सूचनाओं के संबंध में सूचनाएं सभा में उपस्थित सदस्यों द्वारा पढ़ी हुई मानी जायेंगी तथा उनके संबंधित मंत्रियों द्वारा लिखित वक्तव्य पटल पर रखा माना जाएगा। लिखित वक्तव्य की एक एक प्रति सदस्यों को दी जाएगी। इस पर स्पीकर ने सदन की सहमति ली।

ध्यानाकर्षण के दौरान सदस्य केदारनाथ शुक्ल, दुर्गालाल विजय, बहादुर सिंह चौहान, नरेन्द्र सिंह कुशवाह द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए उठाये गये मुद्दों पर संबंधित मंत्रियों ने समाधानकारक उत्तर दिये। व्यावधान के बीच स्पीकर ने सदन में याचिकाएं प्रस्तुत हुई मानी जाने की घोषणा की। विशेषाधिकार समिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की समयावधि में वृद्धि करने का प्रस्ताव जगदीश सभापति विशेषाधिकार समिति ने सदन में पढ़कर सुनाया। जिसे सदन ने स्वीकृत किया। विशेषाधिकार भंग की सूचनाएं श्री सुखेन्द्र सिंह तथा डॉ. गोविंद सिंह ने सदन में पढ़कर सुनाई।

इसके बाद शासकीय कार्य के तहत मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक 2016, मध्यप्रदेश नगरपालिक विधि द्वितीय संशोधन विधेयक 2016 और मध्यप्रदेश भूमिस्वामी और बटाईदार विधेयक 2016 सदन में पारित हुए।

प्रभारी नेताप्रतिपक्ष बाला बच्चन ने पुन: सिंहस्थ पर चर्चा करने की बात कही और कहा कि अध्यक्ष जी आप सदन की कार्यवाही एक पक्षीय कर रहे हैं। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज की कार्यसूची में जो अशासकीय संकल्प लाए गये हैं वे बाद में लिये जायेंगे। अब राष्ट्रगान होगा। सदन में राष्ट्रगान जन गण मन का समूह गान किया गया। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने 2.09 मिनिट पर विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की। 

अजय धीर 
स्वतंत्र पत्रकार 

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