नरेन्द्रसिंह तोमर (बीजेपी)- कांग्रेस किसानों की मौत पर चुनावी लाभ हेतु राजनीति कर रही है जो शर्मनाक है
कांग्रेस किसानों की मौत पर चुनावी लाभ हेतु राजनीति कर रही है जो कि दुर्भाग्यजनक, निंदनीय एवं शर्मनाक है - नरेन्द्रसिंह तोमर
मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान देश में किसान पुत्र के रूप में जाने जाते है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली की कांग्रेस सरकार कार्पोरेट सरकार तथा गरीब और किसान विरोधी प्रधानमंत्री के रूप में देश में जानी जाती है। इस बात का यह सबूत है कि दिल्ली में किसानों को 7 प्रतिषत ब्याज दर पर वहीं मध्यप्रदेश में जीरो प्रतिषत पर किसानों को कर्ज दिया जाता है।
नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि दिल्ली की कांग्रेस सरकार जिस समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदने की बात करती है, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने किसानों को गेंहू पर 150 रू. अतिरिक्त बोनस के रूप में दिया है। कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाए खाद की कीमत 485 रू. से बढ़ाकर 1273 रू. कर किसानों के जख्मों पर नमक नहीं मिर्च लगाने का काम किया है। मध्यप्रदेश की सरकार खेती और किसानों के पक्ष में खडी प्रमाणिक सरकार है। जिसका प्रमाण पत्र केन्द्रीय कृषि मंत्रालय एवं राष्ट्रपति महोदय प्रणव मुखर्जी ने भी कृषि उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ राज्य होने का दर्जा देकर दिया है। यह ऐसे समय में प्रदेश के किसी भी आत्महत्या के प्रकरण को अपने चुनावी लाभ लेने के लिए कांग्रेस के नेता निम्नस्तरीय बयानबाजी पर उतर आए है जो कि दुर्भाग्यजनक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया तथ्यहीन एवं तर्कहीन बयानों की बयार जारी कर रहे है, जबकि भारत सरकार के किसान विरोधी नीतियों के बावजूद मध्यप्रदेष की भाजपा सरकार तथा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान दिन रात किसानों के हित में सरकारी खजाने को किस प्रकार उपयोग में लाया जा सकता है इस पर कार्य कर रहे है। जिस कांग्रेस ने 65 वर्षो में इस बात को नहीं समझा कि ओला पाला प्राकृतिक आपदा है। वहीं दूसरी ओर किसान पुत्र मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने कांग्रेस के प्रधानमंत्री को उपवास पर बैठकर यह ज्ञान कराया कि किसानों के दर्द को समझने का काम करें और ओला पाला को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल कराए। कांग्रेस का चेहरा और चरित्र किस प्रकार व्यापारिक घरानों से जुडा हुआ है यह दिल्ली से हो रहे लगातार घोटालों से पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस कभी भी किसानों की हितैषी नहीं रही हमेशा उसने बडे उद्योग घरानों का ही पक्ष लिया है जबकि कांग्रेस अब चुनाव आने पर उनके लाशो पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने का काम कर रही है जो कि दुर्भाग्यजनक, निदंनीय एवं शर्मनाक है।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि उपरोक्त संदर्भ में आज कांतिलाल भूरिया का बयान उनकी उपरोक्त मानसिकता को उजागर करता है जबकि बद्रीलाल की दुखद आत्महत्या का उन्होंने जिक्र किया है वह किसान ही नहीं है। कांतिलाल भूरिया को लाशो पर की जा रही यह गिरी हुई राजनीति का जवाब मध्यप्रदेश की जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में देगी। भूरिया को अपने राजनीतिक सलाहकारों की न केवल खिंचाई करनी चाहिए अपितु असत्य व तथ्यहीन बयान पर बद्रीलाल के परिवार से माफी भी मांगनी चाहिए, जिनकी असमय मौत पर उनके परिवार को संवेदना देने के बजाय उनकी मौत पर राजनीति की शुरूआत की है।
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