नरेन्द्र सलूजा (कांग्रेस) - नर्मदा क्षिप्रा लिंक संगम रथयात्रा पूरी परियोजना बड़े-बड़े दावे सब चुनावी ड्रामा व अब रथयात्रा बड़ा ड्रामा
नर्मदा क्षिप्रा लिंक संगम रथयात्रा पूरी परियोजना बड़े-बड़े दावे सब चुनावी ड्रामा व अब रथयात्रा बड़ा ड्रामा.. कांग्रेस
1 साल का दावा किया, छः माह बीत गये, जमीनी स्तर पर योजना पूरी होने में वर्षों लगेंगे।
इन्दौर 16.05.2013:- म.प्र. कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने क्षिप्रा के उज्जैनी गांव से प्रारंभ नर्मदा क्षिप्रा लिंक संगम रथयात्रा व आज इन्दौर शहर में इसके भ्रमण व भाजपा व भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री अनंत कुमार की उपस्थिति में मालवा मिल में इस अवसर पर होने वाली आमसभा पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कि 29 नवम्बर 12 को लालकृष्ण आडवाणी के हाथों 432 करोड़ की नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना का भूमिपूजन किया गया था तथा इस अवसर पर बड़े-बड़े दावे किये गये थे कि इस परियोजना का लाभ 70 शहर, 3500 गांवों को मिलेगा व 17 लाख एकड़ कृषि भूमि सिंचित होगी। इस योजना का लक्ष्य व दावा 1 वर्ष का किया गया था तथा नर्मदा नदी को क्षिप्रा के साथ कालीसिंध, गंभीर, पार्वती नदी से भी मिलाने का दावा कया गया था। यह योजना कई चरणों में है।
सलूजा ने कहा कि यह परियोजना व बड़े-बड़ै दावे सिर्फ चुनावी ड्रामेबाजी है तथा उस पर यह रथयात्रा उससे भी बड़ा खुद चुनावी ड्रामा है। खुद लालकृष्ण आडवाणी भूमिपूजन के समय इसके 1 वर्ष में पूरा होने पर सवाल उठा चुके है। इस योजना से इतने शहरों व गांवों को उसी समय लाभ मिलेगा, जब इस योजना के सभी चरण पूर्ण हो जायेंगे। जिसमें 1 वर्ष नहीं कई वर्ष लगेंगे। अभी छः माह बीत गये, इस परियोजना का जमीनी स्तर पर कुछ अता पता नहीं है। 49 किमी की इस परियोजना में 5.5 किमी. का क्षेत्र वनक्षेत्र है, जिसको लेकर कई अनुमतियां अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। वन क्षेत्र में 5 हेक्टेयर व निजी क्षेत्रों में 70 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण इस परियोजना को लेकर किया जाना है, जिसकी प्रक्रिया के अभी तक अते-पते नहीं है।
सलूजा ने कहा कि जब इस योजना होने का अता पता नहीं तो बड़े-बड़े दावे किस आधार पर व शहर भ्रमण किस आधार पर, समझ से परे है ? यह योजना सिर्फ मालवा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा की हुई। करारी हार के कारण यहां की जनता को गुमराह कर वोट कबाड़ने के लिए बनायी गयी है। भाजपा इस योजना व रथयात्रा की आड़ में जनता को भ्रमित व गुमराह कर रही है।
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