बंशीलाल गुर्जर - कृषि उपज, खाद्यान्न को वायदा बाजार से मुक्त किया जाये
कृषि उपज, खाद्यान्न को वायदा बाजार से मुक्त किया जाये - बंशीलाल गुर्जर
मध्यप्रदेश के भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर ने संसद के आगामी सत्र में केन्द्र सरकार द्वारा पेश किये जा रहे वायदा अनुबंध विनियम विधेयक का सैद्धान्तिक रूप से विरोध करते हुए कहा कि वायदा बाजार में कृषि जिन्सों को लाया जाना वास्तव में किसानों और उपभोक्ताओं के साथ छलावा है। इससे किसान अपने उत्पादन के वाजिव मूल्य से वंचित रहते है और वायदा बाजार में बिना उठाव के जिन्सों की औपचारिक खरीद फरोख्त होने से उत्पादित जिन्स भंडार गृहों में डंप हो जाने से उनके भाव आसमान छूने लगते है। उपभोक्ता कृत्रिम अभाव और ऊंचे दाम से खरीद करने के लिए विवश होते है। उत्पादक और उपभोक्ता दोनों ठगे जाते है। बंशीलाल गुर्जर ने कृषि उपज को वायदा बाजार से मुक्त करने की मांग की है।
उन्होंने किसान मोर्चा द्वारा पारित प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि भारत जैसे विषाल देश में जहां मंहगाई गगनचुंबी पसर चुकी है। कृषि जिन्सों का वायदा बाजार में शामिल करना आग में घी डालने का काम कर रहा है। यदि आवश्यक होतो इसके विनियमन को कृषि उपज मंडी अधिनियम के अंतर्गत लाया जाना चाहिए, जिससे सौदा होने के साथ माल की डिलीवरी भी दी जाये। अन्यथा सटौरिया किसानों की मेहनत पर जुआ खेलते है और बिना परिश्रम मालामाल हो रहे है। उत्पादन एक ही गोदाम में पड़ा-पड़ा उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाता है।
बंशीलाल गुर्जन ने केन्द्र सरकार के चीनी को नियंत्रण मुक्त करने के प्रस्ताव पर कहा है कि केन्द्र सरकार अपनी निर्यात नीति को किसान के फसल चक्र के अनुरूप बनाये। जब किसान का उत्पादन आता है तब निर्यात पर पाबंदी लगादी जाती है और बाद में काॅरपोरेट घरानों की मंशा के अनुरूप निर्यात पर से पाबंदी हटाकर उन्हें मौका दे दिया जाता है। जो अवसर किसानांे को मिलना चाहिए उससे उन्हें वंचित कर विर्चालियों को खुलकर खेलने और तिजौरियां भरने की छूट दे दी जाती है, जो गलत है। उन्होनें कहा कि गन्ना उत्पादक कृषकों को उनके उत्पादन का सही मूल्य निष्चित हो और झूठी आंकड़े बाजी करके उन्हें छलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जाये। किसानों का अरबों करोड़ रू. मिल मालिकों के यहां दबा पड़ा है। मिल मालिकों को राहत दे दी जाती है लेकिन किसानों को उसका फायदा नहीं मिल पाता है।
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