नरेन्द्रसिंह तोमर - मध्यप्रदेश में भारतीय जनता के प्रदेश अध्यक्ष - रेल बजट से निराश
रेल बजट: ‘‘संसद से शुरू और सोनिया पर खत्म,
मध्यप्रदेश और आम आदमी निराश’’ - नरेन्द्रसिंह तोमर
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद नरेन्द्रसिंह तोमर ने रेल बजट को निराशजनक बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी

उन्होनें कहा कि रेलवे की आमदनी बढ़ाने में मध्यप्रदेश की सवा सात करोड़ जनता का भी बड़ा हिस्सा है, परन्तु उसका भी ख्याल नहीं रखा गया और मध्यप्रदेश के हिस्सें में रेलवे उपकरण बनाने के बड़े कारखाने प्रदेश में न होना यह साबित करता है कि रेल बजट की योजनाएं गांधी परिवार व कांगे्रस नेताओं को ध्यान में रखकर बनाई गयी है।
नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि रेल बजट में रेल सेवाओं के विस्तार, यात्री सुविधा, महिला सुरक्षा एवं रेल साफ-सफाई को लेकर कोई बड़ा प्रावधान नहीं है जो रेलवे की कार्यप्रणाली को संदिग्ध बनाती है। उल्टे डीजल मूल्य वृद्धि पर सरचार्ज के नाम पर यात्री किराया में वृद्धि का रास्ता आसान बना लिया है, जिससे रेल यात्रा से भी आम आदमी वंचित किया जा रहा है। जब केन्द्र सरकार ने डीजल को नियंत्रण मुक्त करके तेल कंपनियों को ईधन मूल्य वृद्धि की आजादी दे दी है तो इसका विकल्प सरकार को खोजना था। लेकिन उसने ईधन मूल्य वृद्धि का अधिकार कंपनी को और मूल्य वृद्धि का भार यात्रियों पर थोपकर नैसर्गिक न्याय की हत्या कर दी है। उन्होंने कहा कि किराये भाड़े और माल भाड़े में वृद्धि से मंहगाई और बढ़ेगी।
उन्होनें कहा कि रेल बजट में पिछड़े राज्यों, विशेषकर परिवहन साधनों के अभाव से ग्रस्त मध्यप्रदेश की न्यूनतम आवश्यकताओं को भी बजट में स्थान नहीं मिलने से प्रदेश की सवा 7 करोड़ जनता छली गयी महसूस करती है। भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के करोड़ो मतदाताओं से आग्रह करती है कि रेल बजट में मध्यप्रदेश की उपेक्षा का जबाव आने वाले चुनाव में जरूर दें व इसका हिसाब कांग्रेस से लें कि उन्होनें रोजगार और रेल उद्यांेगो को लेकर पिछले 65 वर्षो में मध्यप्रदेश को क्या दिया।
नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि रेल मंत्री ने प्रभार की आड़ में यात्रियों पर अनगिनत बोझ डाल दिया है। इनमें सुपरफास्ट पूरक प्रभार, आरक्षण शुल्क, लिपिकीय प्रभार, रद्दीकरण प्रभार, तत्काल प्रभार जैसे नये बोझ यात्रियों पर लादकर शोषण के रास्ते निकाल लिये है। केन्द्र सरकार बजट पूर्व 22 जनवरी 2013 को रेल यात्रा में किराया वृद्धि कर 6600 करोड़ रू. का भार पहले ही यात्रियों पर थोप चुकी है। उन्होनें बताया कि नई लाइनों के दोहरीकरण, विद्युतीकरण में मध्यप्रदेष को कहीं कुछ नहीं मिला। अलबत्ता बालाघाट, भारवेली, उकवासीता के रास्ते सुवासरा मंदसौर लाईन के सर्वेक्षण को मंजूर मिली है।
Comments
Post a Comment