विश्वास सारंग - सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो
बोफर्स की तरह हेलिकॉप्टर खरीद में भी दलाली के मामले में भी तार जुड़े हैं, सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो - विश्वास सारंग
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विश्वास सारंग ने कहा कि हेलिकॉप्टर सौदों में दलाली के आरोप में इटली की सरकार ने सरकारी अधिपत्य की कंपनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गिरफ्तार कर कार्यवाही आरंभ कर दी है, लेकिन भारत में केन्द्र सरकार साल भर गुजर जाने के बाद भी हाथ पर हाथ रखे बैठी है। केन्द्र सरकार ने भारत में हुए इस हेलीकोप्टर सौदे में दलाली लिये जाने की जानकारी तक हासिल करने की कोशिश नहीं की। रक्षामंत्री एन्टनी का यह दावा है कि सौदा निरस्त कर कंपनी को काली सूची में डाल दिया जायेगा। सिर्फ कोयले की दलाली में हाथ काले होने के बाद मुंह छिपाना है। अब तक यूपीए सरकार 6 कंपनियों को काली सूची में डाल चुकी है लेकिन उसने दलाली और भ्रष्टाचार के असल मुजरिम को दंडित करने का रत्ती भर भी प्रयास नहीं किया, इससे लगता है कि केन्द्र सरकार गुनहगारों के लिये ओतोवियो क्वात्रोची की तरह सिर्फ ढाल का काम कर रही है। बोफर्स घोटाला की जानकारी जिस तरह स्वीडन के रेडियों ने दी थी और इटली में सोनिया गांधी के परिजनों से इसके तार जुड़े थे व्हीआईपी हेलीकाॅप्टरों की खरीद में ली गयी दलाली का भांडाफोड़ भी इटली में हुआ और सोनिया जी के प्रभाव से इन्कार नहीं किया जा सकता है। दुनिया में वही संदेष गया है कि भारत भ्रष्टाचार और घोटालों का केन्द्र बन चुका है।
व्हीआईपी हेलीकाॅप्टर खरीद दलाली कांड में केन्द्र सरकार और कांग्रेस की भूमिका पर सवालिया निषान लग गया है, लेकिन केन्द्र सरकार सख्ती और तत्परता से जांच के बजाय रक्षा सौदे लंबित करने की जो कार्यवाही कर रही है उससे देष की सुरक्षा ही दांव पर लग रही है। विमान, उपकरण, हथियारों की पूर्ति के बजाय रोक लगाती जा रही है। घोटालाबाज और दलालों तक कानून का हाथ नहीं पहुंच पा रहा है। यूपीए सरकार की इस रक्षात्मक मुद्रा से इस बात की पुष्टि होती है कि इसमें अवष्य दाल में काला है और केन्द्र सरकार रक्षामंत्री जांच की आंच में हाथ डालकर जलने का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
विश्वास सारंग ने कहा कि इटली की कंपनी फिनमेक्कानिका ने अपने अधिकारी को संलिप्त माना है और वह कानून की गिरफ्त में आ चुका है। घूस देने वाला न्यायाधीन हो चुका है और भारत में इस दलाली में संलिप्त लोगों के नाम तक उजागर नहीं किये जा रहे हैं इससे कांग्रेस और केन्द्र सरकार की नीति और नियत पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
Comments
Post a Comment