सरतेन्दु तिवारी (बीजेपी) - खाद्य सुरक्षा बिल को लेकर कांग्रेस की गरीब विरोधी मानसिकता उजागर
खाद्य सुरक्षा बिल को लेकर कांग्रेस की गरीब विरोधी मानसिकता उजागर- सरतेन्दु तिवारी
मध्यप्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री सरतेन्दु तिवारी ने कहा कि आजादी के 65 वर्षो में कांग्रेस ने गरीबी हटाने के बजाय गरीबों की संख्या बढ़ाई है। गरीबों की दुहाई देने वाली कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने संसद में मात्र 9 मिनट में खाद्य सुरक्षा बिल को छोड़कर 12 विधेयक पास कर दिए और विपक्ष के असहयोग का बहाना कर खाद्य सुरक्षा बिल को जनता के हित में नहीं लाया गया। यूपीए सरकार की विफल आर्थिक नीतियो एवं महंगाई और नित नये घोटालों, भ्रष्टाचार की मार देश की गरीब जनता को झेलनी पड़ रही है। बार-बार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी गोदामों में रखे अनाज को गरीबों को बांटने के बजाय गोदामों में अनाज को सड़ने दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा बिल को पारित न किया जाना गरीब विरोधी मानसिकता का सबूत है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के आम गरीब परिवार को 1 रू. किलो गेहू और 2 रू. किलो चांवल तथा 1 रू. किलो आयोडीन युक्त नमक की पूर्ति आरंभ कर दी गयी है। केन्द्र की कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून लाने का ढिंढोरा पीटा था, लेकिन खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने का साहस नहीं किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार और कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के गरीबों को हाषिये पर डाल दिया है। केन्द्र सरकार गरीबों के प्रति इतनी ही संवेदनशील है तो खाद्य सुरक्षा बिल को संसद में प्राथमिकता क्यों नहीं दी गयी ?
सरतेन्दु तिवारी ने कहा कि केन्द्र सरकार आंकड़ो से गरीबी मिटाना चाहती है। उसका एक मात्र कारण यह है कि वह अपनी आर्थिक नीतियों की विफलता बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। इस नाकामी पर परदा डालने के लिए वह गरीबों को ही सूची से समाप्त करके विदेशो में अपनी वाहवाही लूटना चाहती है। जबकि हकीकत यह है कि मनमोहन सिंह की सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देष के गरीबों को हाशिये पर डाल दिया है। केन्द्र सरकार गरीबों के प्रति इतनी ही संवेदनशील है तो खाद्य सुरक्षा बिल को संसद में प्राथमिकता क्यों नहीं दी गयी ?
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के आम गरीब परिवार को 1 रू. किलो गेहू और 2 रू. किलो चांवल तथा 1 रू. किलो आयोडीन युक्त नमक की पूर्ति आरंभ कर दी गयी है। केन्द्र की कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून लाने का ढिंढोरा पीटा था, लेकिन खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने का साहस नहीं किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार और कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के गरीबों को हाषिये पर डाल दिया है। केन्द्र सरकार गरीबों के प्रति इतनी ही संवेदनशील है तो खाद्य सुरक्षा बिल को संसद में प्राथमिकता क्यों नहीं दी गयी ?
सरतेन्दु तिवारी ने कहा कि केन्द्र सरकार आंकड़ो से गरीबी मिटाना चाहती है। उसका एक मात्र कारण यह है कि वह अपनी आर्थिक नीतियों की विफलता बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। इस नाकामी पर परदा डालने के लिए वह गरीबों को ही सूची से समाप्त करके विदेशो में अपनी वाहवाही लूटना चाहती है। जबकि हकीकत यह है कि मनमोहन सिंह की सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देष के गरीबों को हाशिये पर डाल दिया है। केन्द्र सरकार गरीबों के प्रति इतनी ही संवेदनशील है तो खाद्य सुरक्षा बिल को संसद में प्राथमिकता क्यों नहीं दी गयी ?
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