लालकृष्ण आडवाणी (भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री) - मध्यप्रदेश की गणना विश्व के विकसित और उन्नत प्रदेशो में होगी






मध्यप्रदेश की गणना विश्व के विकसित और उन्नत प्रदेशो में होगी- लालकृष्ण आडवाणी




भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि देश के चार हिन्दी भाषी राज्यों को उनके पिछड़ेपन के कारण बीमारू राज्य कहा जाता था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने के बाद पिछ़डेपन से मुक्ति दिलाकर विकास के चक्र को तीव्र गति दी है। इसी का परिणाम है कि मध्यप्रदे, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, बिहार में विकास की दर नये क्षितिज पर पहुंची है। उन्होनें मध्यप्रदे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के गतिशील नेतृत्व की सराहना करते हुए उनका अभिनंदन किया और कहा कि शिवराज सिंह चैहान ने प्रदे में बिना भेदभाव के जिस तरह जीवन के हर क्षेत्र के मर्म को छुआ है और रागात्मक संबंध बनाकर सामाजिक सरोकार परिभाशित किया है वह अनुकरणीय है। नगर-ग्राम केन्द्रों के पालकों और संयोजकों के महाअधिवेन को संबोधित करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की विषिष्टता का कारण उसकी विचारधारा और विस्तीर्ण राष्ट्रवादी सोच है। उन्होनें स्मरण दिलाया कि आजादी के बाद जब डाॅ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी पं. नेहरू के मंत्रिमंडल में थे उन्हें दे की राजनीति में राष्ट्रवाद की भावना का अभाव खटका था और उन्होनें मंत्रिपद से त्यागपत्र देकर राष्ट्रवादी विचारधारा का राजनीति में समावे करने के लिए भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। राष्ट्रीय अखंडता के लिए डाॅ. मुखर्जी ने प्राणों का उत्सर्ग किया।
उन्होनें कहा कि दे में 13 प्रधानमंत्री हुए है। उनका लेखा - जोखा करने पर पता लगता है कि पं. नेहरू ने संसदीय लोकतंत्र की पेरोकारी की, किन्तु दे की सुरक्षा के मामलें में उन्हें चीन के हाथों पराजय झेलना पड़ी और कुछ समय के बाद ही उनका अवसान हो गया। इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को मात देकर बंगलादे का उदय कराया और दे का मान बढ़ाया। लेकिन उन्होनें आपातकाल ठोककर 1 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया। उन्होनें कहा कि एनडीए सरकार के सत्ता में आते ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने दे की बुनियादी आवश्यकताओं की ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण और उन्नयन, सफल परमाणु परीक्षण, किसान क्रेडिट कार्ड, नदी जोड़ो योजना और आर्थिक प्रबंधन में उन्होनें कीर्तिमान स्थापित कर दे - विदे में प्रसिद्धि अर्जित की। लेकिन वे अहंकार से परे रहे, उनकी छत्रछाया में मैने राजनैतिक जीवन में बहुत कुछ सीखा और हासिल किया। उन्होनें कहा कि इसी तरह निरहंकारी व्यक्ति के रूप में मैं मध्यप्रदे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को देखता हूं, उनकी कल्पनाशीलता से मध्यप्रदे विकास की नई बुलंदियां हासिल कर रहा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रदे की साढ़े 14 लाख लाड़ली कन्याओं का लाभांवित होना प्रदे और दे के लिए गर्व की बात है।               

उन्होनें मध्यप्रदे के विकास और कृषि विकास की भूरि - भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि मध्यप्रदे ही ऐसा राज्य है जिसनें हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना का सपना साकार किया और देश के राष्ट्रपति उसका उद्घाटन शीघ्र करने जा रहे है यह मध्यप्रदे और दे के लिए गर्व की बात है। लालकृष्ण आडवाणी ने राज्यों में विकास की इबारत लिखने में भाजपा और एनडीए सरकारों का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि गुजरात में नरेन्द्र मोदी ने भी जिस तरह से प्रगति का अध्याय लिखा है, मध्यप्रदे में शिवराज सिंह चैहान एवं छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने भी उल्लेखनीय कार्य किया है जिसकी उन्हें बधाई दी जाना चाहिए। उन्होनें कहा कि प्रतिभा के मामलें में हमारा दे बहुत समृद्ध रहा है, विकास इस बात की गवाही देता है।
आडवाणी ने इतिहास पलटते हुए बताया कि आदि शंकराचार्य ने 32 वर्ष की आयु में भारत को पग - पग नापा और शीर्ष पीठो की स्थापना करके दे को भावनात्मक एकता के सूत्र में गुंफित किया, उन्होनें दे और दुनिया को वेदान्त का ज्ञान दिया। 19 वीं शाताब्दी में दे में 7 महान सपूत पैदा हुए जिनमें स्वामी विवेकानंद, मदनमोहन मालवीय, लाल लाजपत राय, महात्मा गांधी, सुभाषचन्द्र बोस आदि का योगदान स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में रिलीजन कांग्रेस के अधिवेन को संबोधित करते हुए पहले ही वाक्य से दुनिया को चमत्कृत कर दिया था और दुनिया में भारत के ज्ञान-विज्ञान की प्रशंसा आरंभ हो गयी थी। दे उनकी 150 वीं वर्षगांठ मना रहा है और मध्यप्रदे में भी उनकी गरिमा के अनुकूल कार्यक्रम करके राज्य सरकार और प्रदे की जनता गौरवान्वित हो रही है।
आडवाणी ने नगर-ग्राम केन्द्रों के पालक-संयोजकों के प्रदे स्तरीय महाअधिवेन में आये पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह की सराहना करते हुए उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदे सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चैहान ने प्रदे की आम जनता के लिए जो जनोन्मुखी कार्यक्रम आरंभ किये है, उनमें मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना गरीबों के लिए वरदान साबित होगी।
योजना का औपचारिक उद्घाटन करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि 1 रू. किलों गेहूं और 2 रू. किलों चावल की पूर्ति से प्रदे के आम आदमी गरीबों को दे में व्याप्त मंहगाई के दं से राहत मिलेगी। इस योजना का संदे जन - जन तक पहुंचायें। उन्होनें कहा कि पालक - संयोजक महाअधिवेन मिन - 2013 की सफलता में मील का पत्थर साबित होगा। आडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के विजय संकल्प पर उन्हें बधाई दी और विजय संकल्प सार्थक होने की कामना व्यक्त करते हुए मिन - 2013 की सफलता के लिए कमर कसने का आव्हान किया। उन्होनें कहा कि प्रदे में 25 सितंबर पं. दीनदयाल जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ विजय - संकल्प को लौह-संकल्प में बदलेगा।











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