कांतिलाल भूरिया (कांग्रेस) - तेन्दू पत्ता श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाकर 1200 रूपये प्रति मानक बोरा की जाए






तेन्दू पत्ता श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाकर 1200 रूपये प्रति मानक बोरा की जाए: भूरिया


 

 
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि राज्य सरकार म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ के जरिये तेंदू पत्ता तोड़ने वाले प्रदेष के 22 लाख आदिवासी मजदूरों का भारी शोषण कर रही है। मध्यप्रदेश का तेन्दू पत्ता संपूर्ण भारत में गुणवत्ता में सर्वश्रेष्ठ होने से महंगा बिकने के बावजूद यहां के गरीब श्रमिकों को अन्य राज्यों की तुलना में एक मानक बोरे की मजदूरी केवल 750 रूपये दी जा रही है, जबकि हमारे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में यही मजदूरी 1200 रूपये, महाराष्ट्र में 1900 और उड़ीसा में 1500 रूपये है। यहां तक कि झारखंड राज्य में भी म.प्र. से अधिक 900 रूपये मानक बोरे की दर पर तेन्दू पत्ता तुड़ाई की मजदूरी श्रमिकों को मिल रही है। आपने कहा है कि तेन्दू पत्ता तुड़ाई की मजदूरी प्रति मानक बोरा 1200 रूपये तत्काल निर्धारित की जाना चाहिए। उसके लिए पिछले तीन साल से लगातार मांग उठ रही है, किंतु आदिवासियों की भलाई के नाम पर खूब ढ़िंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार के कान पर अब तक जूं तक नहीं रेंगी है। इस उपेक्षा के चलते तेन्दू पत्ता तोड़ने वाले आदिवासियो के हक के करोड़ांे रूपये सरकार डकार चुकी है।
 
कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि म.प्र. के पूर्व मुख्य मंत्री अर्जुनसिंहजी ने तेन्दू पत्ता संग्रह करके अपनी आजीविका चलाने वाले गरीब आदिवासी मजदूरों को उनकी मेहनत की वाजिब कीमत दिलवाने के लिए संपूर्ण म.प्र. में म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ एवं उसके अधीनस्थ सहकारी समितियों द्वारा तेन्दू पत्ता खरीदी की व्यवस्था लागू की थी। इन सभी सहकारी समितियों में केवल तेन्दू पत्ता तोड़ने वालों को ही सदस्य बनाने का प्रावधान भी किया गया था। अर्जुनसिंहजी ने जहां एक ओर तेन्दू पत्ता तुड़ाई की प्रति मानक बोरा न्यूनतम दर निर्धारित की वहीं तेन्दू पत्ता की कुल आय में से श्रमिकों को बोनस देने का निर्णय भी लिया।
आपने कहा है कि बोनस के बतौर तेन्दू पत्ता श्रमिको को बांटी जाने वाली करीब 500 करोड़ की धनराशि प्रदेश के समस्त वन मंडलों में पड़ी है, लेकिन पिछले एक वर्ष से तेन्दू पत्ता श्रमिकों को उनके हक की बोनस की रकम का वितरण नहीं हुआ है। भाजपा सरकार शायद इसमें भी अपना कोई चुनावी हित देख रही है। कांतिलाल  भूरिया ने चेतावनी दी है कि तेन्दू पत्ता संग्राहकों को मजदूरी और बोनस, दोनों मामलों में अब तक काफी आर्थिक नुकसान सरकार पहुंचा चुकी है। अतः मजदूरी की दर तत्काल बढ़ाकर 1200 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित करने के साथ-साथ बोनस की रोकी गई रकम एक महीने के भीतर वितरित करें, अन्यथा कांग्रेस को तेन्दूपत्ता श्रमिकों के हक की लड़ाई के लिए मैदान में उतरना पड़़ेगा।
  
















 

Comments

Popular posts from this blog

युवाओं पर छाया टी.वी. पर आने का क्रेज

Tito's (GOA India)

BEFORE WE HAD 4 TIGERS & NOW WE HAVE 6 TIGERS: Mr Tabish Khan (President Bhopal Bodybuilding & Fitness Association)