दिल्ली में पेरामेडिकल छात्रा के गैंगरेप की अमानवीय घटना ने दिल्ली सरकार और केन्द्र के सुरक्षा दावों की पोल खोली - माया सिंह
(माया सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर विशेष उल्लेख में गैंगरेप की घटना पर आड़े हाथों लिया)
दिल्ली में पेरामेडिकल छात्रा के गैंगरेप की अमानवीय घटना ने दिल्ली सरकार और केन्द्र के सुरक्षा दावों की पोल खोली - माया सिंह
मध्यप्रदेश मे भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सदस्य माया सिंह ने राज्यसभा में दिल्ली में पेरा मेडीकल की छात्रा के साथ हुई शर्मनाक गैंगरेप की घटना पर केन्द्र सरकार और दिल्ली सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ खडे हुए है।माया सिंह ने कहा कि दिल्ली महानगर के बीचो बीच बसंत विहार से हवाई अड्डा के बीच दरिंदों ने युवती की जबरिया आबरू लूटी और अमानवीय कृत्य किया जिससे सभ्य समाज का माथा शर्म से झुक गया है। छात्रा जीवन मृत्यु के बीच अस्पताल में मानसिक यंत्रणा भुगत रही है। यदि उसका जीवन बच भी जाता है तो भविष्य नरक में तब्दील हो चुका है। दिल्ली में महिलाओं की असुरक्षा के लिए जहां मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जवाबदेह है, वहीं कानून और व्यवस्था की जवाबदेही केन्द्र सरकार की है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते है।
उन्होंने कहा कि डेढ़ घंटा तक छात्रा इस आमानवीय यातना के दौर में चीखती चिल्लाती रही लेकिन सड़को पर गुहार के बावजूद कोई सहारे के लिए नहीं आया। इससे राज्य और केन्द्र सरकार के पुलिस चैकसी पर पुलिस पेट्रोलिंग की पोल खुल गयी है। माया सिंह ने सदन में आग्रह किया कि प्रभावित युवती और उसके मित्र साथी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। जिसमें दोषी व्यक्तियों को निश्चित समयावधि में कठोरदंड सुनिश्चित है। अधिवक्ताओं से आग्रह किया जाए कि वे ऐसे आततायियों की पैरवी में आगे न आए। आज के माहौल में दिल्ली महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित शहर बन चुका है। उन्होंने मांग की कि सरकार छात्राओं, युवतियों, महिलाओं के प्रति बढते अपराधों पर अंकुश लगाकर जीने के संविधान प्रदत्त अधिकार की रक्षा करें।
उन्होंने कहा कि डेढ़ घंटा तक छात्रा इस आमानवीय यातना के दौर में चीखती चिल्लाती रही लेकिन सड़को पर गुहार के बावजूद कोई सहारे के लिए नहीं आया। इससे राज्य और केन्द्र सरकार के पुलिस चैकसी पर पुलिस पेट्रोलिंग की पोल खुल गयी है। माया सिंह ने सदन में आग्रह किया कि प्रभावित युवती और उसके मित्र साथी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। जिसमें दोषी व्यक्तियों को निश्चित समयावधि में कठोरदंड सुनिश्चित है। अधिवक्ताओं से आग्रह किया जाए कि वे ऐसे आततायियों की पैरवी में आगे न आए। आज के माहौल में दिल्ली महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित शहर बन चुका है। उन्होंने मांग की कि सरकार छात्राओं, युवतियों, महिलाओं के प्रति बढते अपराधों पर अंकुश लगाकर जीने के संविधान प्रदत्त अधिकार की रक्षा करें।
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