नरेन्द्रसिंह तोमर (बीजेपी) - खाद्य सुरक्षा विधेयक केन्द्र का चुनावी हथकंडा








खाद्य सुरक्षा विधेयक केन्द्र का चुनावी हथकंडा - नरेन्द्रसिंह तोमर 

 

 

 

मध्यप्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक को राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के बजाय चुनावी हथकंडे की तरह इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सदन में सभी पहलुओं से चर्चा करने के बजाय कोरा दिखावा कर रही है जिससे न तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के बुनियादी पहलुओं पर विचार हो पा रहा है और न केन्द्र सरकार और राज्यों, सत्तापक्ष और विपक्षी दलों में सहमति बन पा रही है। अपने अंतर्विरोधों के कारण पिछले संसद के सत्र में केन्द्र सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक की चर्चा के लिये प्रस्तुत नहीं कर पायी और कोलगेट, रेलगेट भ्रष्टाचार की सत्र भेंट चढ़़ गया। इस सत्र में भी सरकार की तमाम कोशिशो के बावजूद खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा नहीं हो पायी।
 

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि इस कानून के अमल के लिये साढ़े 7 करोड़ टन खाद्यान्न की आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन राज्यों और केन्द्रों द्वारा अब तक संग्रहित खाद्यान्न भंडार अधिकतम सवा 7 करोड़ टन तक रहा है इस दृष्टि से न तो केन्द्र सरकार ने खाद्यान की अतिरिक्त उपलब्धि और उत्पादन के लिये कोई जुगत की है और न बजट में ही ऐसा कोई प्रावधान दिखाई दिया है। जाहिर है कि यदि बिना सोच विचार के खाद्य सुरक्षा चुनावी विवशता में थोपा जाता है तो उससे भले ही कांग्रेस वोट बटोर ले जनता का भला नहीं होने वाला है। इसे पूरा करने के लिए खाद्यान्न का आयात भी करने की मजबूरी होगी।

 
नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा कि यदि खाद्य सुरक्षा की जरूरतें पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कायम हुई तो महंगायी को रोक पाना और भी असंभव हो जायेगा। जिन राज्यों ने अपनी जनता की सुख-सुविधा को प्राथमिकता माना है। उन्होंने (मध्यप्रदेश - छत्तीसगढ़) ने खाद्यान्न का संग्रह भी किया है और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा के रूप में इसे खाद्य सुरक्षा विधेयक की तुलना में बेहतर तरीके और सस्ते खाद्यान्न के रूप में मूर्त रूप भी दे दिया है, लेकिन कांगे्रस इसे सियासी हथियार भर बना रही है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने प्रदेश में पहले से ही अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत गरीबों को 1 रू. किलो गेहू , 2 रू. किलो चांवल और 1 रू. किलो आयोडीन नमक दे रहे है, जिससे गरीबों को पूरे माह का राषन घर पहुँच रहा है।












 

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