नरेन्द्र सिंह तोमर - अध्यक्ष और सांसद - मध्यप्रदेश
डीजल को नियंत्रण मुक्त कर केन्द्र सरकार ने आम आदमी को बाजारवाद के रहमो करम पर छोड़ा - नरेन्द्र सिंह तोमर
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द सरकार ने पेट्रोल के बाद अब डीजल को नियंत्रण मुक्त करके जहां महंगाई को पंख लगा दिए है, वहीं आम आदमी को बाजारवाद के रहमो करम पर छोड़ दिया है। नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि तेल कंपनियां आंकड़ों के भ्रम जाल से घाटा बनाकर जनता को भ्रमित करती है। दाम बढाने का गेम खेलती है, लेकिन असलियत यह है कि इन कंपनियों ने पिछले वर्षो में लाभ अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार प्रति लीटर पेट्रोल पर ही करीब 15 रू. टैक्स वसूल लेती है। भले ही कंपनी को सीधा लाभ न पहंुचे लेकिन कंपनियों की कमाई बढने से सरकार को भरपाई करने का कष्ट जाया नहीं करना पडा। तोमर ने कहा कि कंपनियों को लाभ की बात परोक्ष में केन्द्र सरकार ने भी मानी है, लेकिन प्रषासनिक शाही खर्चो और धन के गलत इस्तेमाल के बारे में केन्द्र सरकार निरूत्तर है। विनियंत्रण कर निजी कंपनियों को लाभ कमाने और जनता को महंगाई के चक्र में फंसाने के बजाए केन्द्र सरकार इसे बरका सकती थी।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आर्थिक सुधारों की आड़ में केन्द्र सरकार निजी कंपनियों और कार्पोरेट को जनता की कीमत पर सुविधाएं परोस रही है। बजट पूर्व ही उन्हें पांच लाख करोड़ रू. की रियायत आनन फानन में दे दी गयी, लेकिन महंगाई का बोझ आम आदमी के सिर पर लाद दिया गया है।
उन्होंने कहा कि डीजल को नियंत्रण मुक्त करके बेतहाशा महंगाई बढने का मार्ग प्रषस्त किया गया है। जब दुनिया में तेल के भाव गिर रहे है भारत में तेल पदार्थो की महंगाई की परिस्थितियों का निर्माण करने में जुटी यूपीए सरकार के सामने आम आदमी का हित ओझल हो गया है। केन्द्र सरकार गांव में 26 रू. और शहरों में 32 रू. कमाने वाले को अमीर बताती है और बाजारी मूल्यों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धा के लिए छोड़कर जनता को महंगाई की भट्टी में झौंक रही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 दिनों में महंगाई पर लगाम लगाने का वायदा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद जनता के हितों को भुला दिया है। यह जनता के साथ विश्ववासघात है। जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसका भाजपा सड़क से संसद तक पुरजोर विरोध करेगी।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि आर्थिक सुधारों की आड़ में केन्द्र सरकार निजी कंपनियों और कार्पोरेट को जनता की कीमत पर सुविधाएं परोस रही है। बजट पूर्व ही उन्हें पांच लाख करोड़ रू. की रियायत आनन फानन में दे दी गयी, लेकिन महंगाई का बोझ आम आदमी के सिर पर लाद दिया गया है।
उन्होंने कहा कि डीजल को नियंत्रण मुक्त करके बेतहाशा महंगाई बढने का मार्ग प्रषस्त किया गया है। जब दुनिया में तेल के भाव गिर रहे है भारत में तेल पदार्थो की महंगाई की परिस्थितियों का निर्माण करने में जुटी यूपीए सरकार के सामने आम आदमी का हित ओझल हो गया है। केन्द्र सरकार गांव में 26 रू. और शहरों में 32 रू. कमाने वाले को अमीर बताती है और बाजारी मूल्यों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धा के लिए छोड़कर जनता को महंगाई की भट्टी में झौंक रही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 दिनों में महंगाई पर लगाम लगाने का वायदा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद जनता के हितों को भुला दिया है। यह जनता के साथ विश्ववासघात है। जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसका भाजपा सड़क से संसद तक पुरजोर विरोध करेगी।
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