कुछ यादें येजडी मोटरसाईकिल की
आइडीयल जावा इंडिया लि. जिसको की की सबसे अधिक प्रसिद्धी जावा के नाम से मिली नें भारत में मोटरसाईकिल की उत्पादन सन् 1960 से प्रांरभ कर दिया था। कंपनी का लकक्ष था कि अपनें ग्राहकों को किफायती कीमत में मजबूत और अच्छी मोटरसाईकिल दे। यही सोचकर कंपनी ने अपना स्लोगन रखा था फॉर एैवर बाईक फॉर एैवर वैल्यू। भारत में येसडी मोटरसाईकिल सबसे पहले सन् 1961 में भारत की जनता के बीच लाई गयी थी और सन् 1961 से 1968 तक इस कंपनी का कोलेबरैशन जावा लि. ऑफ इस्तवाईल झिगोस्लाविया कें साथ रहा। इस कंपनी की मोटरसाईकिल ने भारत मोटरसाईकिल बजार में जान डाल दी थी, येसडी मोटरसाईकिल को षान की सवारी समझा जाता था। फिर सन् 1969 में येसडी ने भारत के मोटरसाईकिल बजार में बहुत अच्छे सें पैर जमा लिये थें और 1968 से येसडी अब जावा के नाम से अधिक प्रसिद्ध हो चुकी थी। सन् 1985 सें सन् 1987 में भारत में सबसे अधिक बीकनें वाली मोटरसाईकिल थी।
यह हैं वो अंकड़ें येजडी किस साल कितनी संख्या में बीकी
यह मोटरसाईकिल को भारतीय इसलिए अधिक पसंद करते थे क्योंकि इस मोटरसाईकिल भारत कें कच्चे पक्के रास्तों पर थकावट का ऐसास तक नही होने देती थी। काफी लोग तो इस मोटासाईकिल की आवाज के भी दिवाने थें। इस मोटरसाईकिल की मजबूदी के लिए तो भारतीय इस बहुत विष्वासनीय एंव भरोसेमंद समझते थें। भारत में इस मोटरसाईकिल का उत्पादन कर्नाटक राज्य के मायसौर शहर में होता था और वही से ही पूरे भारत में इससे भेंजा जाता था। उत्पाइन कें लिए उस समय इस शहर को ही इसलिए चुना गया क्योंकि उस समय भारत में बैंगलौर के बाद कर्नाटक में ही अधुनिक सुविधांये थी और इस शहर में ट्रन रुट भी फैक्ट्री के पास था, जिससे मोटरसाईकिलो को भारत कें किसी भी प्रांत एवं भारत के किसी भी कोने में भेजना आसान था। इस मोटरसाईकिल की फैक्ट्री लगभग 26 ऐकड़ में थी।
मेरे पापा पर भी येजडी क्लासिक थी . मै उसकी टन्की पर बैठ कर खूब घुमा हू . पुरानी यादे ताज़ा हो गई .
ReplyDeleteMeri Mahbuba bike hai.
ReplyDeleteIs par jaan chhidkata hun abhi bhi.
jab iske bare me soch leta hun to mujhe raton ko neend nahi aati.
aaj bhi dil dhadakta hai iski javani ke dino ke yad karke.
ise avashya padhen मेरी प्रेम कहानी