दिल तो बच्चा हैं जी... थोड़ा कच्चा हैं जी...
अभी हाल ही में राहुल गांधी के मध्यप्रदेश में भोपाल दौरे के दौरान राहुल ने अपनी प्रेस कानफ्रेन्स में आरएसएस और सिमी को एक जैसा बताकर यह बात साफ करदी की राहुल वाकई में अभी भारत के प्रधानमंत्री बनने के लिए दस प्रतिशत भी तैयार नही हैं, ये लेख पढ़ने वालो को पहले मैं यह बतादू की मैं न ही कांग्रेस पार्टी का विरोधी हूँ और न ही भजपा का सर्मथक मैं तो भईया एक पारदर्शिता रखने वाला पत्रकार हूँ और सच बोलता हूँ और मैं किसी पार्टी विषेश का नही हो सकता क्योंकि फिर मैं सच नही बोला पाऊगा।
अब मैं राहुल के बारे में ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि राहुल के इस बयान के बाद पत्रकारो द्वारा जब म.प्र. कें मुख्यमंत्री से इस बात पर चर्चा हुई तो म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने तुरन्त यह कहा की इस समय राहुल मध्यप्रदेश के मेहमान हैं और वही दूसरी ओर
भजपा के एक और वरिष्ट मंत्री बाबूलाल गौर से राहुल की बात पर जब पत्रकारो द्वारा राय जानी गई तो उन्होंने भी बड़ी ही विनम्रता से कहा की राहुल को सिमी और आरएसएस में क्या फर्क हैं ये उन्हें जल्द बता दिया जायेगा। अब राहुल ने ऐसा क्यो कहा और इस बात को कहने के लिए क्या राहुल को किसी के द्वारा कहा गया था, ये बात तो हम नही जानते परन्तु इतना जरुर जानते की अपने आप को या अपने संगठन को बड़ा साबित करने के लिए विपक्ष पर इस प्रकार की टिप्पणी करना कदापी उचित नही हैं, खैर इस बात पर आरएसएस और भाजपा ने जिस प्रकार से संयम और ठंडे दिमाग से काम लिया हैं वो बात काबिले तारीफ हैं और देखा जाये तो एक प्रकार से राहुल की गलती पर भाजपा ने बड़पन्न दिखाया हैं। वो एक कहावत हैं न कि जिन्दगी में हर दिन कुछ नया सिखने को मिलाता हैं। हमारी राय में राहुल को यही सोचकर बात से एक सीख लेनी चाहिए कि जाने अनजाने मुह से निकली हुई बात से कितना बवाल मच सकता था और इस प्रकार की बात से किसी को फायदा नही मिला सकता हैं क्योंकि आज कें दौर की जनता बहुत समझदार हो गई हैं और यह पब्लिक हैं सब जानती हैं अन्दर क्या हैं ? बाहर क्या हैं ? ये सब कुछ जानती हैं। राष्ट्रीय हिन्दी पत्रिका हिन्दुस्तान विचार भाजपा आरएसएस और कांग्रेस से भी यही अपेक्षा रखती हैं कि इन छोटी मोटी बातो पर ध्यान कम दे और देश की तरक्की और जनता के विकास पर अधिक ध्यान दे। गीत धीर ( संपादक हिंदुस्तान विचार )
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