सावन में लग गयी आग

इन दिनों भारत सरकार ने आम जनता को और ज्यादा परेशान  करने के लिए  पेट्रौलीयम पदार्थो  के दामो में वृद्धि  कर दी हैं। केन्द्र सरकार के इस फैसले ने मानो सावन में आग लगा दी हैं। केन्द्र की सरकार एक  तरफ तो यह कहती हैं कि वो गरीबो की सरकार हैं और दूसरी ओर गरीबो की ही हालत खस्ता हाल बनाने लगी हुई हैं। केन्द्र की सरकार ने यह एक घिनोनी चाल चली हैं अभी हाल ही में महिला आरक्षण बिल पास करके महिलाओ की मसीहा कहेलाने वाली इस सरकार ने ही महिलाओ और मासूम बच्चों तक को नही छोड़ा रसोई गैस  सिलेंडर  पर 35/- रुपये की जो मूल्य वृद्धि  की गयी हैं उससे सीधी मार महिलाओ के किचन पर पड़ी हैं। एक तो पहले से ही दाल सब्जियों की बड़ी हुई कीमतो से आम जनता परेशान हैं और गरीबो की हालत तो इतनी खस्ता हाल हैं कि वो सूखी रोटी और आचार खाने पर मजबूर हैं और अब और हालत खराब होती जा रही हैं। दरसल पेट्रौल डीजल की कीमतो मे बढ़ोत्री के करान हर वस्तु जैसे शक्कर, तेल, दालें, गहूँ यहाँ तक के कि रेत, सीमेन्ट, और गट्टी जैसी वस्तुओ की भी कीमतो मे इजाफा हुआ हैं और अब तो यह हाल हैं कि आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया। गीत धीर (हिंदुस्तान विचार)

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