कब खुलेगी सरकार की आँखे ?
कब खुलेगी सरकार की आँखे ? आज के दौर में जब अन्ना हजारे जैसे लोग देश को सत्य और तरक्की की राह पर लाने के लिए अपनी जान पर खेल कर क्या कुछ नही कर रहे हैं, वही दूसरी ओर कुछ सरकारी अधिकारी / कर्मचारी दे श भक्त होने का खोखला दावा करके सरकार को चूना लगाने से नही चूक रहे हैं। इस बात में कितना सत्य हैं यह प्रत्येक इंडियन काॅमन मैन अच्छी तरह से बखुबी जानता हैं। आज चाहे बात हो रा श न कार्ड बनवाने की यह किसी सरकारी योजना का लाभ उठाने की हर जगह भष्टाचार इस कदर हाबी हो गया हैं कि पूछेयी ही मत। अब तो वो दौर आ गया है जहँा एक इंसान का दूसरे इंसान के ऊपर से भरोसा ही उठ गया हैं। आज एक आम इंसान जिस बात से सबसे अधिक डरता है वह मंहगाई नही बल्कि वो है सरकारी अधिकारी / कर्मचारी से किसी प्रकार के काम के लिए इनके चूंगल में ना फंस जाये और इसका प्रमुख कारण हैं हमारे दे श की सरकार जो र्सिफ नाम मात्र की ही निष्पक्ष है और यहँा पर केवल मेरा इशारा ही काफी है क्योंकि सरकारी काम के दौरान हर पडि़त काॅमन मैन यह बात अच्छे से जनता हैं और मेरे पास भी इस बात के अनेकों उदाहरण हैं जहँा यह बात साफ हैं कि सरका...